हमयरे िेश के त््ोहयर चयहे धयलमिक दृष्टि से मनयए जय रहे हैं ्य नए वर्ि के आगमन के रूप
में, फसि की कियई एवां िलिहयनों के भरने की िशु ी में हो ्य महयपुरुर्ों की ्यि में। सभी
अपनी ववशेर्तयएँएवां क्षत्रे ी् प्रभयव से ्ुक्त होने के सयथ ही िेश की रयटरी् एवां सयस्ां कृनतक
एकतय और अिांडतय को मजबूती प्रियन करते हैं। ्े त््ोहयर जहयँजनमयनस मेंउल्ियस, उमांग
एवां िुशहयिी भर िेते हैं। वही हमयरे अांिर िेश भष्क्त एवां गौरव की भयवनय के सयथ- सयथ
ववश्व बांधुत्व एवां समन्व् की भयवनय भी बढ़यते हैं। इनके दवयरय महयपुरुर्ों के उपिेश हमेंबयर-
बयर इस बयत की ्यि दिियते हैं कक सदववचयर एवां सदभयवनय दवयरय ही हम प्रगनत की ओर
बढ़ सकते हैं इन त््ोहयरों के मयध््म से हमें्ह लशक्षय लमिती हैकक वयस्तव मेंधमों कय मूि
िक्ष्् एक ही है, के वि उस िक्ष्् तक पहुँचनेके तरीके अिग-अिग हैं।
इस गद्यांश कय उप्ुक्त शीर्िक लिखिए।
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