India Languages, asked by kushboosinha4517, 1 year ago

Hame apne ko asthik sidh karna ka liya kya kam karna hoga

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Answered by Anonymous
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समाधान- सामान्य रूप से हम आस्तिकता की यह परिभाषा समझते हैं की मनुष्य का अपने से किसी उच्च अदृष्ट शक्ति पर विश्वास रखना आस्तिकता कहलाता हैं अर्थात एक ऐसी शक्ति जो मनुष्य से अधिक शक्तिशाली हैं, समर्थ हैं उसमें विश्वासरखना आस्तिकता कहलाता हैं। परन्तु यह परिभाषा अपूर्ण हैं और इसे पढ़कर हमारे मन में अनेक शंकाएं आती हैं। एक आतंकवादी व्यक्ति अल्लाह या ईश्वर के नाम पर हिंसा करता हैं, निर्दोष लोगों के प्राणों का हरण करता हैं क्या इसे आप आस्तिकता कहेंगे? हमारे देश के इतिहास को उठाकर देखिये की हमारे देश में अनेक हिन्दू-मुस्लिम दंगे धर्म के नाम पर हुए हैं। यहाँ तक की देश का १९४७ में विभाजन भी धर्म के नाम पर हुआ था। क्या इससे हम यह निष्कर्ष निकाले की आस्तिकता दंगों,उपद्रवों आदि को जन्म देती हैं। इसी प्रकार से यूरोप के इतिहास में क्रूसेड युद्धों का कारण ईसाई और मुस्लिम समाज का संघर्ष था, वह भी धर्म के नाम पर हुआ। हमारे चारों ओर हम देखे की आस्तिकता के नाम पर अनेक अंधविश्वासों को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। इससेहम क्या यह निष्कर्ष निकाले की आस्तिकता समाजमें अराजकता को जन्म देती हैं? क्या आस्तिकताके नाम पर हज़ारों निरीह प्राणियों की गर्दनोंपर ईद के दिन छुरियाँ नहीं चलती हैं? इसे हम यहनिष्कर्ष क्यों न निकाले की आस्तिकता के कारण, ईश्वर के कारण संसार में प्राणियों को बिना कारण असमय मृत्यु को भोगना पड़ता हैं और इसका दोष ईश्वर को देना चाहिए।यह शंका इसलिए उत्पन्न हुई क्यूंकि हम आस्तिकता की परिभाषा को ठीक से नहीं समझ पाये। आस्तिकता की परिभाषा में धार्मिकता का समावेश नहीं हैं । आस्तिक विश्वास से प्रभावित होकर उत्तम कर्म करना धर्म कहलाता हैं अर्थात आस्तिकता के प्रभाव से मनुष्य उत्तम कर्म करे तभी वह आस्तिक हैं अन्यथा वह अंधविश्वासी हैं। अन्धविश्वास का मूल कारण अज्ञानता हैं एवं हिंसा, दंगे,उपद्रव आदि का मूल कारण स्वार्थ हैं।


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