Hindi, asked by yumnakarim303, 27 days ago

Hamid ke kon kon doston ne kya kya kharida

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Answered by rekharanid02
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यदि त्याग का एकांश भी व्यक्ति मैं बचपन से ही प्रवेश कर जाए तो वह ताउम्र उसको एक अच्छा नागरिक बनने मैं सहायक होगा ! आज की कुछ पीढ़ी भी त्याग कर रही है अपनी संस्कृति का ! अपने सादा जीवन का और कहीं - कहीं तो अपने जन्म देने वाले माता - पिता का भी ! ऐसी घटनाएं जब भी सुनता हूँ तो मुझे ये कहानी याद आती है और सोचता हूँ जब नन्हा सा हामिद अपना एक मात्र रुपया भूखा प्यासा रहकर, अपनी खुशियों को त्याग कर अपनी दादी की परेशानी दूर करने के लिए त्याग कर सकता है तो फिर क्यों आज के कई लोग माँ – बाप और अपने बुजुर्गों के लिए त्याग तो दूर उनका ही त्याग कर रहे हैं ! क्यों वे अपनी कमाई का एक छोटा सा हिस्सा भी अपनों के लिए त्यागना नहीं चाहते ! त्याग एक ऐसी चीज है जो आज के युग मैं सिर्फ किताबों मैं ही रह गई है, और आज के युग मैं त्याग करने वाला शायद कुछ मुश्किलों मैं भी रहे, किन्तु अपने छोटे से छोटे त्याग से वह अपनों के चेहरे पर सदा के लिए खुशियाँ ला सकता है और खुद भी जब अपना आत्म विश्लेषण करेगा तो अपने आप मैं आत्म सुख का अनुभव करेगा

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