हनुमान की लंका जाने समय रासो मे कौन-कान से राम्रस मिले
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हनुमानजी के लंका जाने के बारे में लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मानते हैं कि वे तैरकर गए थे, कुछ के अनुसार वे उड़कर गए थे और कुछ के अनुसार वे छल्लांग लगाते हुए या एक टापू से दूसरे टापू पर कूदते हुए गए थे। हालांकि लोगों की मान्यताओं के बारे में हमें इतना ही कहना है कि ये उनकी मान्यताएं हैं।
* हनुमानजी, नारदमुनी और सनतकुमार ही ऐसे देवता थे जो अपनी शक्ति से आकाशमार्ग में विचरण करते थे। जबकि अन्न देवी या देवताओं के वाहन होते थे। हालांकि ऐसे भी कई ऋषि और मुनि थे जो अपनी ही शक्ति से आकाशमार्ग से आया-जाया करते थे। हनुमान सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं। कहते हैं कि वे धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे।
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- अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।''
- ''चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥''
- हनुमानजी के लंका जाने के बारे में लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मानते हैं कि वे तैरकर गए थे, कुछ के अनुसार वे उड़कर गए थे और कुछ के अनुसार वे छल्लांग लगाते हुए या एक टापू से दूसरे टापू पर कूदते हुए गए थे। हालांकि लोगों की मान्यताओं के बारे में हमें इतना ही कहना है कि ये उनकी मान्यताएं हैं।
- * हनुमानजी, नारदमुनी और सनतकुमार ही ऐसे देवता थे जो अपनी शक्ति से आकाशमार्ग में विचरण करते थे। जबकि अन्न देवी या देवताओं के वाहन होते थे। हालांकि ऐसे भी कई ऋषि और मुनि थे जो अपनी ही शक्ति से आकाशमार्ग से आया-जाया करते थे। हनुमान सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं। कहते हैं कि वे धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे।
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