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Essay on "gandagi mukt mera gaanv"



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Answered by nikiniki2111
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Essay on "gandagi mukt mera gaanv"

गाँव के लोगो को साफ़ सफाई पर ध्यान देना चाहिए, तभी गाँव का वातावरण शुद्ध होगा। कोई भी आदमी बीमार नहीं होगा, इसलिए स्वच्छता ज़रूरी है। उम्मीद है सारे गाँव गन्दगी मुक्त होंगे और सभी लोग स्वस्थ भी रहेंगे। स्वच्छता गाँव को और अधिक विकास की ओर ले जायेगी।......

स्वच्छता सिर्फ आस पास की सफाई नहीं होती है। स्वच्छता पूरे घर की गली से लेकर मोहल्ला, जिले, शहर की सफाई होती है। लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति के चिंतन मनन जागरूकता से संभव नहीं है, बल्कि सभी को एक जुट होकर स्वच्छता अभियान में साथ देना होगा। मोदी जी ने स्वच्छता अभियान को पुरज़ोर चलाया है, अभी हाल ही में बेहतर स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण नए विचार किये जा रहे है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए स्वच्छता विभाग जलशक्ति मंत्रालय ने गन्दगी मुक्त अभियान आठ अगस्त से पंद्रह अगस्त तक चलाया है। इस अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन पेंटिंग, निबंध प्रतियोगिता इत्यादि ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किये गए थे।

गन्दगी मुक्त मेरा गाँव विषय पर बच्चो को लिखने के लिए दिया गया है। भारत सरकार ने ग्रामीण लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए यह अभियान खासकर शुरू किया है ताकि हमारे गाँव भी साफ़ सुथरे रहे। इस प्रकार के कार्यक्रम, आयोजित करके अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने इस अभियान से जुड़े प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और मुहीम को कामयाब बनाने की बेहतरीन कोशिश की। इस अभियान को सफल बनाने की भरपूर कोशिश की गयी ताकि गाँव के लोग स्वच्छता के इस अभियान को गंभीरता से ले।

सारे गाँव भारत में अभी तक गन्दगी मुक्त नहीं हो पाए है। लेकिन पूरी गलती गांव वालों की नहीं थी। अशिक्षा और जागरूकता के अभाव में बहुत सालों और दशकों तक स्वच्छता के महत्व को भली भाँती समझने में गाँव वाले नाकामयाब रहे। जैसे जैसे गाँव में शिक्षा के लिए स्कूलों का प्रबंध किया गया और धीरे धीरे लिंग असामनता भी मिटने लगा, ग्रामीण लोग जागरूक होने लगे। गाँव में लोग ज़्यादातर कृषि और खेतो के कार्य से जुड़े होते है। गाँव का वातावरण बड़ा ही शुद्ध होता है। यहाँ के खुले मैदान और आँगन की सुंदरता अलग ही दृश्य प्रस्तुत करती है।

जैसे दीमक लकड़ी को धीरे धीरे खाती है और नुकसान पहुँचाती है ठीक उसी प्रकार गन्दगी भी धीरे धीरे अपना भयानक रूप धारण कर लेती है। पहले बहुत से गाँव में गन्दगी के तांडव ने गाँव की ज़िन्दगी को बुरी तरह प्रभावित किया। कच्ची सड़के और बड़े बड़े गड्ढे में वर्षा का पानी जम जाता था, इससे हानिकारक मच्छरों ने जन्म लेना आरम्भ किया। मच्छरों से कई बीमारियाँ जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया फैलता है जो की जानलेवा है। मक्खियों से भी सावधान रहने की ज़रूरत है। यह कूड़े पर बैठती है और फिर खुले हुए खाने पर जाकर विराजमान हो जाती है। बाद में ग्रामीण लोगो को खाना ढककर रखने की और साफ़ सुरक्षित पानी पीने की हिदायत दी गयी।

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ग्रामीण लोगो को अपने घर का सारा कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए। ग्रामीण लोग पेड़ ,पौधों के विषय में ध्यान देते है। लोगो को अपने घर के आगे पक्की नालियां बनवानी चाहिए ताकि गन्दा पानी बाहर ना बहे और आस पास के इलाको को गन्दा ना करे। वर्षा के समय कहीं भी जमा हुआ पानी ना रखे, इससे मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है।

भारत सरकार के अभियान के कारण ग्रामीण लोगो ने शौचालय बनाया है। गांव के लोग शौच के लिए शौचालय का उपयोग करते है, लेकिन अभी भी ऐसे कई गाँव है, जिन्होंने अभी तक शौचालय नहीं बनवाया है। गाँव के लोगो ने अभी कई जगहों पर सड़क के किनारे पौधे लगाए है और यह एक सकारात्मक कदम है।

कई गाँव के लोग पान की पीक कहीं भी थूक देते है और गोबर भी यहाँ वहाँ पड़ा रहता है। कुँए के समक्ष काफी कीचड़ हो जाता है, इसलिए स्वच्छता रखना बेहद ज़रूरी है। ग्रामीण लोगो ने खेतों के मैदानों में शौच करना बहुत जगहों पर बंद कर दिया है। गाँव के लोगो को अपने गाँव को सुन्दर और स्वच्छ बनाने के लिए काफी मेहनत करना होगा और ज़्यादातर लोग इसको संजीदगी के साथ कर रहे है। अभी बैल और बकरी को लगाम दी गयी है , ताकि वह इर्द गिर्द के जगहों को गन्दा न करे। कुंए के समक्ष नयी मिटटी डाली गयी है, ताकि कीचड़ ना हो। अभी गाँव में पक्के रास्ते बन गए है।

भारत के गाँव में 83.37 करोड़ लोग रहते है। एक नेशनल सर्वे के मुताबिक 59.4 फीसदी लोगो के पास शौचालय नहीं था। जितना ज़्यादा बाहर में शौच उतना अधिक बीमारी को न्योता देना। सिर्फ लोग ही नहीं पूरा गाँव अस्वच्छता के कारण बीमार हो जायेगा। इसके प्रभाव देश को भी भुगतना होगा। लोग बीमार होंगे तो उत्पादकता की क्षमता में गिरावट आएगी। इसका बुरा असर देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ती है। गांव के विद्यालय में भी शौचालय न होने के कारण, बच्चो ओर शिक्षकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। अगर स्वच्छता नहीं होगी तो पर्यटक भी गाँव को देखने नहीं आएंगे।

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