hans par nibandh snskrit mein
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Explanation:
हंस पक्षियों में बड़े आकार का पक्षी होता है यह ज्यादा देर तक और अधिक ऊंचाई पर उड़ नहीं पाता है. हंस लगभग अपना पूरा जीवन काल पानी में ही बिता देता है. हंस को जलचर पक्षी भी कहते है. हंस बहुत ही शर्मीले स्वभाव का होता है इसलिए है इंसानों के पास आने पर उनसे दूर भाग जाता है.
हम अक्सर जोड़ों में रहना ही पसंद करता है. यह बहुत ही खूबसूरत पक्षी होता है दुनिया भर में इसकी 7 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है. इस पक्षी का निवास स्थान तालाब, नदिया, नहरें होता है. हंस मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार का भोजन कर लेता है.
यह भोजन में ज्यादातर छोटी मछलियां, कीड़े-मकोड़े, फलों के बीज, ईल घास, हरे शैवाल इत्यादि खाता है. हमारे भारत देश में हंस सफेद रंग का होता है अन्य देशों में इसका रंग काला भी होता है कई क्षेत्रों में इसके पंख काले पाए जाते है तो कहीं पर इसकी गर्दन काली पाई जाती है. काले रंग का हंस ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मूल निवासी है.
इसकी चोच का रंग नारंगी होती है और अन्य प्रांतों में इसकी चोच का रंग लाल, पीला और काला भी हो सकता है. इसकी गर्दन सुराही की तरह पतली और लंबी होती है. Swan के पंखों का व्यास 3.1 मीटर लंबा हो सकता है.
इसके शरीर के मुकाबले इसकी आंखें और मुंह बहुत छोटा होता है. इसकी आंखों का रंग काला होता है.
इस का वजन इसकी वाले विभिन्न प्रजातियों पर निर्भर करता है इसका अधिकतम वजन 12 किलो तक हो सकता है. हंस का जीवनकाल अधिकतम 10 वर्षों का होता है. इनकी लंबाई 56 से 62 इंच तक हो सकती है. इसके पैर छोटे और झिल्लीदार होते है जिससे यह पानी में अच्छी तरह से तैर पाता है.
हंस को हिंदू धर्म में से मां सरस्वती का वाहन माना गया है. यह साल में एक बार 5 से 7 अंडे देता है इसके अंडे देने का स्थान सरोवर के पास झाड़ियों या घास में होता है. अंडे देने के बाद मादा हंस उन पर तब तक बैठी रहती है जब तक उनसे बच्चे नहीं निकल आते है.
हंस के बच्चे औसतन 35 से 40 दिन के अंदर अंडों से बाहर निकल आते है.
Swan के बच्चे को सिग्नेट (cygnets) कहा जाता है हंस के बच्चे का जन्म होने की 6 महीने तक वह अपनी मां के साथ ही रहता है.
अंडो पर बैठी मादा हंस को भोजन नर हंस द्वारा करवाया जाता है. हंस मुख्य रूप से भारत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड कनाडा और अलास्का में पाया जाता है. हंस एक ऐसा पक्षी है जो कि पानी पर तैरते समय भी सो सकता है.
हंस एक रक्षात्मक और सभ्य पक्षी है यह आमतौर पर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन जब कोई इसके घोंसले के पास या इस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो यह उस पक्षी या इंसान के पीछे भाग सकता है और उसे काट भी सकता है इसके बाद यह कुछ समय तक चिड़चिड़ा भी रह सकता है.
हंस के मुंह में दांत नहीं होते हैं इसलिए इस के काटने पर अधिक दर्द महसूस नहीं होता है लेकिन त्वचा में जलन जरूर महसूस होती है.
हंस को अंग्रेजी भाषा में Swan कहते है और वैज्ञानिक भाषा में Cygnini कहा जाता है. यह बहुत खूबसूरत पक्षी होता है इसके पंख मखमल के कपड़े के जैसे कोमल होते है.
Answer:
हंस पक्षियों में बड़े आकार का पक्षी होता है यह ज्यादा देर तक और अधिक ऊंचाई पर उड़ नहीं पाता है. हंस लगभग अपना पूरा जीवन काल पानी में ही बिता देता है. हंस को जलचर पक्षी भी कहते है. हंस बहुत ही शर्मीले स्वभाव का होता है इसलिए है इंसानों के पास आने पर उनसे दूर भाग जाता है.
हम अक्सर जोड़ों में रहना ही पसंद करता है. यह बहुत ही खूबसूरत पक्षी होता है दुनिया भर में इसकी 7 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है. इस पक्षी का निवास स्थान तालाब, नदिया, नहरें होता है. हंस मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार का भोजन कर लेता है.
यह भोजन में ज्यादातर छोटी मछलियां, कीड़े-मकोड़े, फलों के बीज, ईल घास, हरे शैवाल इत्यादि खाता है. हमारे भारत देश में हंस सफेद रंग का होता है अन्य देशों में इसका रंग काला भी होता है कई क्षेत्रों में इसके पंख काले पाए जाते है तो कहीं पर इसकी गर्दन काली पाई जाती है. काले रंग का हंस ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मूल निवासी है.
इसकी चोच का रंग नारंगी होती है और अन्य प्रांतों में इसकी चोच का रंग लाल, पीला और काला भी हो सकता है. इसकी गर्दन सुराही की तरह पतली और लंबी होती है. Swan के पंखों का व्यास 3.1 मीटर लंबा हो सकता है.
इसके शरीर के मुकाबले इसकी आंखें और मुंह बहुत छोटा होता है. इसकी आंखों का रंग काला होता है.
इस का वजन इसकी वाले विभिन्न प्रजातियों पर निर्भर करता है इसका अधिकतम वजन 12 किलो तक हो सकता है. हंस का जीवनकाल अधिकतम 10 वर्षों का होता है. इनकी लंबाई 56 से 62 इंच तक हो सकती है. इसके पैर छोटे और झिल्लीदार होते है जिससे यह पानी में अच्छी तरह से तैर पाता है.
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