Economy, asked by dharmrajsingh80, 1 month ago

har kampany ko samamelan karna aavshyak hai​

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Answered by Priyanshulohani
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Answer:

भारतीय कंपनी अधिनियम के अंतर्गत निजी कंपनी तथा सार्वजनिक कंपनियों के बीच क्या कोई मूल अंतर होता है या नहीं, इसके बारे में बता रहे हैं अखिल भारतीय कर व्यवसायी संघ के सदस्य शक्ति सिंह एडवोकेट।

भारत में कंपनियों का नियंत्रण भारतीय कंपनी अधिनियम से होता है। इस अधिनियम में कंपनियों के बारे में विस्तृत प्रावधान व नियम दिए हुए हैं। निजी कंपनी तथा सार्वजनिक कंपनियों में मूल अंतर क्या है इसका विस्तृत ब्योरा निम्न प्रकार है।

न्यूनतम प्रदत्त पूंजी: निजी कंपनी में प्रदत्त पूंजी कम से कम एक लाख तथा सार्वजनिक कंपनी में पांच लाख रुपये होनी चाहिए।

न्यूनतम व अधिकतम सदस्यों की संख्या: निजी कंपनी में न्यूनतम सदस्यों की संख्या दो तथा अधिकतम 50 से अधिक नहीं होनी चाहिए। सार्वजनिक कंपनी में न्यूनतम सात सदस्य होने चाहिएं, जबकि अधिकतम सदस्यों की संख्या पर कोई रोक नहीं है।

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