हरि आप हरो जन री भीर " इन पंक्तियों पर प्रकाश डालें |
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A) हे ईश्वर! जैसे आपने अपने सभी भक्तो के दुःख हरे मेरे भी कष्ट हरो
B) हे प्रभु मेरी पीर हरो
C) हे प्रभु हरिजन की पीर हरो
D) कोई नहीं
Option 5
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Answer:
A)
क्युकी जन का मतलब यहां लोगो से है।
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उत्तर:
हे ईश्वर! जैसे आपने अपने सभी भक्तो के दुःख हरे, मेरे भी कष्ट हरोI
व्याख्या:
- हे कृष्ण! आप अपने भक्तों के कष्ट दूर करते हैं। जिस प्रकार आपने चीर-फाड़ कर द्रौपदी की लज्जा को दूर किया, और नरसिंह का रूप धारण कर भक्त प्रह्लाद की पीड़ा (दर्द) को दूर किया, उसी प्रकार आप हमारे कष्टों को भी दूर करते हैं। आप ही दर्द को दूर करने वाले हैं।
- ये भक्ति रस हैं। इस्का अलंकार उदाहरण अलंकार हैं।
- परम श्री कृष्ण की भक्त मीरा बाई ईश्वर से विनती करती है कि हे प्रभो हम भक्तों की लाज रख, हम भक्तों के कष्ट दूर करें। हरि से विनती है कि जैसे आपने दौपदी की लज्जा को बनाए रखा और दुष्ट बुराई के कपड़े उतारते समय आपने कपड़े को लंबा कर दिया था। भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए आपने नर हरि का रूप धारण किया था और भगवान इंद्र के वाहन ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के चंगुल से मुक्त कराया था। जैसे आपने द्रौपदी, भक्त प्रह्लाद और गजराज की लाज बचाई, वैसे ही आप मेरे (मीरा बाई) के कष्टों को दूर करते हैं।
अत: सही विकल्प A है।
#SPJ3
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