Hindi, asked by harshmax2509, 7 months ago

हरि आप हरो जन री भीर |
द्रोपदी री लाज राखी , आप बढ़ायो चीर |
भगत कारण रूप नरहरि , धरयो आप सरीर |
बूढतो गजराज राख्यो , काटी कुंजर पीर |
दासी मीरा लाल गिरधर , हरो म्हारी भीर ।।

मिरा किसकी विपत्ति दूर करने की प्रार्थना कर रही है?​

Answers

Answered by AnishaMeena
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Answer:

इन पंक्तियों में मीरा ने श्रीकृष्ण से जन-जन की पीड़ा हरने का आग्रह करती हैं। वे कहती हैं कि जिस प्रकार आपने द्रौपदी के वस्त्रों को बढ़ाकर भरी सभी में उसकी लाज बचाई, अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मारा उसी तरह आप मनुष्यों की पीड़ा भी हरें।

इन पंक्तियों में मीरा ने श्रीकृष्ण के भक्तों के प्रति दयामय रूप का वर्णन किया है। ब्रज और राजस्थानी भाषा का प्रयोग हुआ है। 'हरि' शब्द में श्लेष अलंकार है। भाषा में कोमलता लाने के लिए कुछ शब्दों में परिवर्तन किया गया है जैसे - शरीर का सरीर। गेयात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।

Explanation:

परम श्री कृष्ण भक्त मीरा बाई इश्वर से विनती करती हैं की हे इश्वर आप ही हम भक्तों की लाज रखो, आप ही हम भक्तों के संकटों को दूर करो। हरी से विनती है की जैसे आपने दौपदी की लाज रखी और दुष्ट दुषाषन के वस्त्र हरण के वक़्त आपने ही वस्त्र को लम्बा किया था. भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए आपने नर हरी का रूप धारण किया था और आपने ही भगवान इंद्र के वाहन ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के चंगुल से मुक्त किया था. ऐसे ही जैसे आपने द्रोपदी, भक्त प्रहलाद और गजराज की लाज बचाई थी वैसे ही आप मेरे (मीरा बाई) के संकटों को दूर कर दो.

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