Hindi, asked by swanandi01, 1 month ago

हरि आप हरो जन री भीर।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्यो आप सरीर।
बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।।


इस पद का भावार्थ लिखिये


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Answered by singhnilu744
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इस पद में मीरा ने भगवान विष्णु की भक्तवात्सल्यता का चित्रण किया है। हरि विष्णु का एक प्रचलित नाम है। मीरा ने कई उदाहरण देकर यह बताया है कि कैसे भगवान विष्णु भक्तों की पीड़ा हरते हैं। जब द्रौपदी की लाज संकट में पड़ गई थी तो हरि ने कृष्ण के अवतार में अनंत साड़ी प्रदान करके द्रौपदी की लाज बचाई थी।प्रह्लाद भी विष्णु के अनन्य भक्तों में से एक थे। जब प्रह्लाद का जीवन संकट में पड़ गया था तब विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर प्रह्लाद की रक्षा की थी। जब ऐरावत को मगरमच्छ ने पकड़ लिया था तो विष्णु ने मगरमच्छ को मारकर ऐरावत की जान बचाई थी। मीराबाई का कहना है कि जो भी सच्चे मन से हरि की आराधना करेगा हरि हमेशा उसका कष्ट दूर करेंगे। मीरा कहती हैं कि वो भी कृष्ण की दासी हैं। चूँकि कृष्ण हरि के ही रूप हैं इसलिए वो मीरा का भी दुख दूर करेंगे।

Answered by XxCharmingGuyxX
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उपर्युक्त से मीरा अपने गिरिधर के प्रति समर्पण समर्पण का भाव प्रकाशित करती है हरि भगवान ,कया आप गूगल क्लासरूप मे मुझे जाइन करेगी कोद - wzo5cwmविष्णु का ही एक अन्य रूप है हरि ने अपने कई रूपों में अपने भक्तों की संकटों को कांटा है जा भरी सभा में द्रोपदी की लज्जा रक्षा करने के लिए उन्होंने अनंत सारी प्रदान की थी नरसिंह रूप में प्रहलाद की रक्षा की थी ऐरावत को मगरमच्छ बचाया था इसीलिए गिरधर उन्हें भी बचाएं l

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