Hindi, asked by mohammadnagani123, 2 months ago

हरि बिन कूण गती मेरी।।

तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी।।

आदि-अंत निज नॉव तेरो हिमायें फेरी।

बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।
पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।​

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Answered by Divyani027
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1. हरि बिन कूण गती मेरी।।

तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी।।

आदि-अंत निज नॉव तेरो हिमायें फेरी।

बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।

भावार्थ - हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके बिना मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी हूं। मैं रात - दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूं। मैं बार-बार आपको पुकारती हूं, क्योंकि मुझे आपके दर्शन की तीव्र लालसा है।

2. बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।

अर्थ - मैं बार-बार आपको पुकारती हूं क्योंकि मुझे आपके दर्शन की तीव्र लालसा है।

Answered by monikalawande01
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यो संसार बिकार सागर -- - - - -

- - - - - - - - सरण हू तेरी ॥

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