हरि बिन कूण गती मेरी।।
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी।।
आदि-अंत निज नॉव तेरो हिमायें फेरी।
बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।
पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
Answers
Answered by
35
1. हरि बिन कूण गती मेरी।।
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी।।
आदि-अंत निज नॉव तेरो हिमायें फेरी।
बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।
भावार्थ - हे हरि, आपके बिना मेरा कौन है? अर्थात आपके बिना मेरा कोई ठिकाना नहीं है। आप ही मेरा पालन करने वाले हैं और मैं आपकी दासी हूं। मैं रात - दिन, हर समय आपका ही नाम जपती रहती हूं। मैं बार-बार आपको पुकारती हूं, क्योंकि मुझे आपके दर्शन की तीव्र लालसा है।
2. बेर- बेर पुकार कहूँ प्रभु आरति है तेरी।।
अर्थ - मैं बार-बार आपको पुकारती हूं क्योंकि मुझे आपके दर्शन की तीव्र लालसा है।
Answered by
0
Answer:
like
please
my
Answer
.
यो संसार बिकार सागर -- - - - -
- - - - - - - - सरण हू तेरी ॥
Attachments:
Similar questions