हर चीज आसान होने से पहले कीठन होती है write a hindi essay
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प्रस्तावना
जल ही जीवन है ये सब हम सुनते आ रहे हैं ,कहते आ रहे ,लेकिन मानता कौन है ,पानी की एक -,एक बूंद को बचाना आज की जरूरत है अगर हमने आज पानी की बचत नहीं की तो इसकी एक एक बूंद के लिए हमारे आने वाली पीढ़ी को तरसना पड़ेगा निरंतर पानी का जलस्तर घट रहा है जहां करीब 20 वर्ष पहले 40 फुट की गहराई से आने वाला पानी अब 90 से 100फुट नीचे जा चुका है.
Explanation:
पानी की बर्बादी पर रोक
हमें पानी की बर्बादी पर रोक लगाना होगा कहते हैं जल है तो कल है परंतु जल ही हमारे लिए आज की जरूरत है और इसके लिए सबसे पहले इसकी बर्बादी पर रोक लगाना होगा हमारे देश में कहीं -कहीं खुले नल ,कहीं बिना कारण सफाई के लिए पानी का इस्तेमाल अधिक होता है ,पब्लिक प्लेस पर अगर कहीं कोई नल चल रहा हो तो कोई उसे बंद करने की जिम्मेदारी नहीं समझता ,सबसे पहले यदि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझने लगे ,बिना फालतू नल चला कर रखना कपड़े धोने नहाने में पानी का कम इस्तेमाल करें ,तो पानी की बचत काफी हद तक कम कर सकते हैं जहां हम अपनी जरूरत के लिए कई गुना पानी बर्बाद कर देते हैं वही आसमान पर तपती गर्मी में उड़ते पक्षी प्यास के कारण अपने दम तोड़ देते हैं.
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पानी की बचत आज की जरुरत
August 20, 2018 by Editors
निबंध- पानी की बचत आज की जरुरत (essay on save water)
प्रस्तावना
जल ही जीवन है ये सब हम सुनते आ रहे हैं ,कहते आ रहे ,लेकिन मानता कौन है ,पानी की एक -,एक बूंद को बचाना आज की जरूरत है अगर हमने आज पानी की बचत नहीं की तो इसकी एक एक बूंद के लिए हमारे आने वाली पीढ़ी को तरसना पड़ेगा निरंतर पानी का जलस्तर घट रहा है जहां करीब 20 वर्ष पहले 40 फुट की गहराई से आने वाला पानी अब 90 से 100फुट नीचे जा चुका है.
पानी की बर्बादी पर रोक
हमें पानी की बर्बादी पर रोक लगाना होगा कहते हैं जल है तो कल है परंतु जल ही हमारे लिए आज की जरूरत है और इसके लिए सबसे पहले इसकी बर्बादी पर रोक लगाना होगा हमारे देश में कहीं -कहीं खुले नल ,कहीं बिना कारण सफाई के लिए पानी का इस्तेमाल अधिक होता है ,पब्लिक प्लेस पर अगर कहीं कोई नल चल रहा हो तो कोई उसे बंद करने की जिम्मेदारी नहीं समझता ,सबसे पहले यदि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझने लगे ,बिना फालतू नल चला कर रखना कपड़े धोने नहाने में पानी का कम इस्तेमाल करें ,तो पानी की बचत काफी हद तक कम कर सकते हैं जहां हम अपनी जरूरत के लिए कई गुना पानी बर्बाद कर देते हैं वही आसमान पर तपती गर्मी में उड़ते पक्षी प्यास के कारण अपने दम तोड़ देते हैं.
पानी की बचत के लिए जल संरक्षण एवं संचय
पानी जीवन का आधार है अगर हमें इसे बचाना है तो इसका संरक्षण करना पड़ेगा पानी की उपलब्धता घट रही है और महामारी बढ़ रही है इसलिए जल के इस संकट का समाधान आज की जरूरत है और इसकी बचत करना प्रत्येक मनुष्य का दायित्व बनता है यही हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी बनती है और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी ऐसे ही जिम्मेदारी की अपेक्षा करते हैं पानी का स्त्रोत सीमित है ऐसे में पानी के स्रोतों को सुरक्षित रख कर पानी के संकट से मुकाबला हम कर सकते हैं इसके लिए हमें अपनी भोगवादी प्रवृतियों पर अंकुश लगाना पड़ेगा और पानी के उपयोग के लिए मितव्ययी बनना पड़ेगा पानी की इस कुप्रबंधन को दूर करके हमें इस समस्या से निपटना होगा.