हरि हरि आप हरो जन री भीर द्रोपदी रीलाज राखी आप बढ़ायो चीर | भगत कारण रूप नरहरि, धरयों आप सरीर बुढ़तो गजराज राख्या,काटी कुंजर पीर | दासी मीरां लाल गिरधर ,हरो म्हारी भीर | इस पद्यांश के रचयिता कौन हैं?
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पद
हरि आप हरो जन री भीर।
इस पद में मीरा ने भगवान विष्णु की भक्तवात्सल्यता का चित्रण किया है। हरि विष्णु का एक प्रचलित नाम है। मीरा ने कई उदाहरण देकर यह बताया है कि कैसे भगवान विष्णु भक्तों की पीड़ा हरते हैं।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर ।
जब द्रौपदी की लाज संकट में पड़ गई थी तो हरि ने कृष्ण के अवतार में अनंत साड़ी प्रदान करके द्रौपदी की लाज बचाई थी।
भगत कारण रूप नरहरि, धरयो आप सरीर।
बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुञ्जर पीर।
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