Hindi, asked by smritigupta7056, 9 months ago

हरिहर काका एक सीधे-सादे और भोले किसान की अपेक्षा
चतुर हो चले थे कथन के संदर्भ में 60-70 शब्दों में
विचार व्यक्त कीजिए।

Answers

Answered by Kenil123
38

Answer:

हरिहर काका आरंभ में एक सीधे-साधे सरल किसान थे। जिनका इस दुनिया में कोई नहीं था। कहने को उनके भाई और उनका परिवार था, लेकिन उनका एकदम अपना निकटतम अर्थात उनकी पत्नी या संतान कोई नही थी। ले-देकर उनके पास थोड़ी संपत्ति ही बची थी। हरिहर काका को उनके भाई और उनके परिवार के लोग तथा गांव के अन्य लोग के क्रियाकलापों से आभास हो गया था कि उनके संबंधी और गांव के अन्य लोग सब उनकी संपत्ति के लालची हैं।

जब उनके पास संपत्ति है तब तक ये लोग उनकी आवभगत कर रहे हैं, यदि संपत्ति नही रहेगी तो कोई उन्हें पूछेगा भी नहीं नही। अपने संबंधियों और गांव वालों के स्वार्थी बर्ताव के कारण ही हरिहर काका सीधे-साधे सरल किसान से एक चतुर और समझदार व्यक्ति हो चले थे।

Answered by adi1243tya
8

Answer:

हरिहर काका आरंभ में एक सीधे-साधे सरल किसान थे। जिनका इस दुनिया में कोई नहीं था। कहने को उनके भाई और उनका परिवार था, लेकिन उनका एकदम अपना निकटतम अर्थात उनकी पत्नी या संतान कोई नही थी। ले-देकर उनके पास थोड़ी संपत्ति ही बची थी। हरिहर काका को उनके भाई और उनके परिवार के लोग तथा गांव के अन्य लोग के क्रियाकलापों से आभास हो गया था कि उनके संबंधी और गांव के अन्य लोग सब उनकी संपत्ति के लालची हैं।

जब उनके पास संपत्ति है तब तक ये लोग उनकी आवभगत कर रहे हैं, यदि संपत्ति नही रहेगी तो कोई उन्हें पूछेगा भी नहीं नही। अपने संबंधियों और गांव वालों के स्वार्थी बर्ताव के कारण ही हरिहर काका सीधे-साधे सरल किसान से एक चतुर और समझदार व्यक्ति हो चले थे।

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