हरिहर काका कहानी की प्रासंगिकता (आज के युग से कहानी के संबंध) को 100 - 150 शब्दों में सिद्ध कीजिए। CBSE Class 10 Course B Sparsh
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समाज में सुखी जीवन जीने के लिए रिश्तों-नातों का बहुत अधिक महत्त्व है। परन्तु आज के समाज में सभी मानवीय और पारिवारिक मूल्यों और कर्तव्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ज्यादातर लोग केवल स्वार्थ के लिए ही रिश्ते निभाते हैं। जहाँ लोगों को लगता है कि उनका फ़ायदा नहीं हो रहा है वहाँ लोग जाना ही बंद कर देते हैं। आज का व्यक्ति स्वार्थी मनोवृति का हो गया है। वह केवल अपने मतलब के लिए ही लोगों से मिलता है। वह अपने अमीर रिश्तेदारों से रोज मिलना चाहता है परन्तु अपने गरीब रिश्तेदारों से कोसों दूर भागता है।
हमारे समाज में हमें देखने को मिलता है की कुछ बुज़ुर्ग भरोसा करके अपनी जिंदगी में ही अपनी जायदाद को अपने रिश्तेदारों या किसी और के नाम लिखवा देते हैं, वे सोचते हैं की ऐसा करने से उनका बुढ़ापा आसानी से काट जाएगा। पहले-पहले तो रिश्तेदार भी उनका बहुत आदर-सम्मान करते हैं, परन्तु बुढ़ापे में परिवार वालों को दो वक्त का खाना देना भी बुरा लगने लगाता है। बाद में उनका जीवन किसी कुत्ते की तरह हो जाता है, उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं होता।
प्रस्तुत पाठ में भी हरिहर काका नाम का एक व्यक्ति है, जिसकी अपनी देह से कोई संतान नहीं है परन्तु उसके पास पंद्रह बीघे जमीन है और वही जमीन उसकी जान की आफत बन जाती है । अंत में उसी जमीन के कारण उसे सुरक्षा भी मिलती है। लेखक इस पाठ के जरिए समाज में हो रहे नकारात्मक बदलाव से हमें अवगत करवाना चाहता है कि आज का मनुष्य कितना स्वार्थी मनोवृति का हो गया है।
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