हरिहर काका ने जायदाद के विषय में क्या निर्णय लेना चाहिए था?
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इस पाठ में हरिहर काका को शायद अपनी जायदाद किसी के नाम पर भी नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि जब मंदिर के पंडित को लगा कि वह अपनी जमीन ठाकुरबारी के नाम नहीं करेंगे तो उन्होंने उन्हें पकड़कर डंडे से बहुत मारपीट की और जब उनके भाइयों को पता लगा कि वह उनके नाम पर भी अपनी सारी जायदाद नहीं करेंगे तो उनके भाइयों ने भी उन्हें खूब मारा पीटा
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Explanation:
हरिहर काका को अपनी जायदाद के विषय में क्या निर्णय लेना चाहिए था ? चाहिए कि उनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी जायदाद को उनके भाई-भतीजों में बराबर बाँट दिया जाएगा किन्तु ऐसा तभी सम्भव होगा जब वे उनकी सेवा करेंगे।
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