"हरिहर काका" पाठ में दूटते मानवीय रिश्तों के प्रति चिंता व्यक्त की गयी हैं ?
आप इस कथन के प्रति कहाँ तक सहमत हैं? तर्क - सहित उत्तर दीजिए
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इस कहानी को पढ़कर ऐसा लगता है कि समाज में जितने भी रिश्ते हैं वे स्वार्थ पर आधारित हैं। महंत ने हरिहर काका की आवभगत इसलिए की कि वह उनकी जमीन हड़पना चाहता था। हरिहर काका के भाइयों ने उनकी दोबारा इज्जत करनी शुरु कर दी क्योंकि वे पंद्रह बीघे जमीन को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। गाँव में ऐसे कई प्रकरण पहले भी हो चुके थे। धन दौलत के आगे खून के रिश्ते भी फीके पड़ने लगते हैं।
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