हरि के नाम की चले निरंतर धुन यू ही मन मे सुबह शाम। हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्ण हरे राम।
एक वायु से साँस सजे रे, एक ही जल से प्यास बुझे रे।।
भिन्न नाम से एक भजे रे, रहिमम है वो ही ,वो ही राम।
हरे कृष्णा हरे राम।।
रूप अनंत वो धरे अनेक जिसके अंश से बना हरेक।।।
राम जी भला करे।।।
प्रभु श्री राम जय हनुमान।।
जय बजरंग बली।।।
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जीवित शरीर में कार्यिकी क्रियाये जैसे – पाचन, श्वसन, उत्सर्जन आजीवन चलती रहती हैं। निर्जीव वस्तुयों में पाचन श्वसन क्रिया नही होती है। सजीवों में यह क्रम चलता रहता है। निर्जीव में यह गुण नही पाया जाता है।
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चतुर = चालाक
होशियार = बुद्धिमान
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