Hindi, asked by paramjeetsingh57129, 5 months ago

हर किसी मनुष्य को अपने राष्ट्र के प्रति गौरव रजभियान होना
मावस्यक है। राष्ट्र से जुड़े समान राष्ट्रमातीकों के प्रति भी हमें
स्वाभिमान होना चाहिए। राष्ट्र प्रतीकों का रादि-केई उपमान करा है,
तो उसका पुरजोर हीरोच करना चाहिए। प्रत्के स्वाभिगनी कि के
उदय में अपने देश अपने देश की संस्कृति तया जपेर देश की भाश के
प्रति प्रेम होना स्वाभातिक भातरा ही है। राष्ट्र के शनि र राष्ट्रवाही
के राष्ट्रहित में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने को तैयार रहना चाहिए।
निस देश के निवासियों के बदर में यह उत्सर्ग भावना नहीं होती है,
वह राष्ट्र गीता ही सराशीन लेकर अपनी पुन, गाति और समृद्धिको
सदा के लिए खो बैठता है। देशभक्ति व सार्वजनिक हित के बिना
राष्ट्रीय मल्ला का अस्लिल ही नहीं रह सकता है। जिसके हृदय में राष्ट्र
भक्ति है उसके हृदय में मालूमति, फिलि, मुरुमनि, परिवार, समाज व
सार्वजनिक हित की बात स्वतः ही आ जाती है।
प्रश्न-(क) प्रस्तुत गद्यश का उचित शीर्षक लिखिए
(ख) राष्ट्राभिमानी व्यक्ति के हदय में क्या स्वाभाविक भावना होती है।
(सा) देश के निवासियों में उत्सर्ग भावना नहीं होगी तो क्या
हानि होगी?
च) 'स्वाभिमान' शब्द में से उपसर्ग व मूल शब्द छाँटिएँ

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Answers

Answered by radha09chauhan
2

क देशप्रेम

ख अपने देश अपने देश की संस्कृति तथा दूसरे देश की भाषा के प्रति प्रेम होना चाहिए

स वह राष्ट्र गीता ही सराशीन लेकर अपनी पुन, गाति और समृद्धिको

सदा के लिए खो बैठता है।

च उपसर्ग - स्व

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