हरिण – शावक को पाना कालिदास के लिए ….
अ) अनुभूति का प्रश्न था।
ब) संवेदना का प्रश्न था।
क) अभ्यास का प्रश्न था।
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जब राजपुरुष दंतुल के बाण से घायल होकर हिरण शावक तड़प रहा था, तब कालिदास ने उसकी प्राण रक्षा करते हुए उसे अपने संरक्षण में लिया। उन्होंने घायल तड़पते हिरण-शावक को दूध पिलाया और उसके घावों पर घृत यानी घी लगाकर उसका उपचार किया। उन्होंने हिरण-शावक को अपनी गोद में उठाकर उसके कोमल शरीर को चलाते हुए उसे सांत्वना दी।
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1 is correct answer I hope help you
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