हर साल भारत में 26 जनवरी को टेस्ट वर्ष मनाते हैंप्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को डेस कहते हैं
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नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हर साल की तरह इस बार भी हम अपना गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाने के लिए तैयार हैं। इस साल हम अपना 71वां गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट करने जा रहे हैं। इस खास दिन के लिए देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कोने-कोने में तैयारियां जोरो-शोरो पर हैं। स्कूल-कॉलेजों में इस दिन आयोजित होने वाले प्रोगाम के लिए स्टूडेंट्स तैयारियों में जुटे हैं। इन सबके बीच में आपके मन ये सवाल आता होगा कि आखिर 26 जनवरी को ही हम ‘रिपब्लिक डे (Republic Day 2020) क्यों मनाया जाता है तो आइए जानते हैं।
दरअसल भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 में भारत के संविधान को स्वीकार किया था,जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया था। इसके बाद से ही इस दिन को चुना गया था।
दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान
भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ था। संविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान 2 साल, 11 माह, 18 दिन में तैयार हुआ। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा गया, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। जानें कुछ अन्य अहम तथ्य
-26 जनवरी1950 में इस दिन ही भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।
-26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
-इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।