हरित क्रांति खाद्यन उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बहुत सारी समस्याओं की जनक भी रहीं है चार बिंदुओं में कीजिए
Answers
हरित क्रांति से प्रभावित क्षेत्र के किसानों ने सिचाई के लिए शलकूष और H.Y.Vबीजो रासायनिक उर्वरको तथा किटनाशको का प्रयोग किया ।
1. उर्वरक व रासायनिक किटनाशको से मिट्टी की उर्वरकता में कमी आई।
2. नलकूपो से सिचाई के कारण भूमि जल स्तर मे कमी।
3. उर्वरक व रासायनिक किटनाशको से मिट्टी के मित्र सुक्ष्म जीवो का नाश।
4. भूमि के water holding capacity मे कमी ।
हरित क्रांति खाद्यन उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बहुत सारी समस्याओं की जनक भी रहीं है
Explanation:
तथाकथित हरित क्रांति के चार दशक बाद इस विशाल राष्ट्र ने खुद को खिलाने में सक्षम बनाया, कुछ किसान आधुनिक कृषि विधियों - संशोधित बीजों, उर्वरकों, और कीटनाशकों - का उपयोग जैविक खेती के पक्ष में कर रहे हैं।
यह पर्यावरण से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए पेटू भोजन का उत्पादन करने का मामला नहीं है, बल्कि इस तरह के गांवों में जीवन-मृत्यु का विकल्प है, जहां हरित क्रांति के लाभों को रासायनिक प्रदूषण से अप्रत्याशित हानिकारक परिणामों के साथ जोड़ा गया है।
अपने कार्यों को चलाने के रूप में, नए जैविक किसान बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बढ़ती लागत का हवाला देते हैं, और चिंता करते हैं कि दशकों से रासायनिक उपयोग मिट्टी को बर्बाद कर रहा है। लेकिन कई लोग इस बात से भी बगावत कर रहे हैं कि वे पर्यावरणीय क्षरण के रूप में देखते हैं जो खेती की नई तकनीकों के साथ आया है, विशेष रूप से पीने के पानी का गंभीर प्रदूषण जो निवासियों को कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए दोषी ठहराता है।
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स्वर्णिम क्रांति' तथा 'हरित क्रांति' में अंतर स्पष्ट करें।
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