Hindi, asked by appyles5hvisoumy, 1 year ago

हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नही रहना चाहते?

NCERT Class 7th: हिंदी वसंत भाग - II पाठ 1 - हम पंछी उन्मुक्त गगन के (कविता)

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Answered by Anonymous
136

Answer:

हर तरह की सुख सुविधाएं पाकर भी पंछी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहता ।

इसका उत्तर है :- हर तरह की सुख सुविधाएं पिजड़े में मिलती है । उसे समय पर खाना मिलता है। उसे समय पर पानी मिलता है। उसे हर चीज समय पर मिलती है। उसका मालिक उसे हर सुख सुविधाएं से पुणे रखता है।

पंछी इन सुख-सुविधाओं को छोड़कर पिंजड़े में बंद इसलिए नहीं रहना चाहता ।क्योंकि जो स्वतंत्रता में मजा है, वह बंदी बनकर रहने में नहीं।

चुकी पिंजड़े में रहना एक बंदी जीवन है ,और हमें उसी चार दिवारी या पिंजरे में बंद रहना है। ना चलना , ना फिरना ना टहलना । न ताजी हवा ना प्रकृतिक सौंदर्य ना दोस्त ना मुहिम ।

हम पूरी तरह पिंजरे में अपने मालिक पर ही निर्भर रहते हैं ।

इसीलिए पंछी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहता ।वह बाहर की दुनिया को देखना चाहता है। उसे महसूस करना चाहता है ।और फिर वापस उसी जिंदगी में जाना चाहता है। जिसमें वह स्वतंत्र था। जब मन चाहो तब कहीं भी दाना चुगने चले जाओ । जब मन चाहे तब तालाब पर जाकर पानी पी लो । जब मन चाहे इधर से उधर इधर से उधर इस डाली से उस डाली पर ऊछल लो ।जितना मन उतना ऊपर उठो अपने पंख फैला करो हवा को महसूस करो अपने साथियों के साथ लड़ना झगड़ना प्यार मोहब्बत , यह सब चीजें में नहीं मिलती । इसलिए पंछी पिंजड़े में बंद रहना नहीं चाहता।

Explanation:

Answered by bhatiamona
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Answer:

इस कविता में कवि पक्षियों की आज़ादी की बात कर रहे है | पक्षी अपनी वाणी के माध्यम से वो अपने भाव को प्रकट करते है |

पक्षियों को हमें बंदी नहीं बनाना चाहिए उन्हें आज़ादी में घुमने देना चाहिए |

अगर हम हम उन्हें पिंजरे में बंद कर देंगे तो वो अपना स्वाभिक खो देंगे , चहकना भूल जाएगे , उड़ना भूल जाएगे |  पिंजरे में बंद होने से अच्छा हम बहार नुम के कड़वे पत्ते खाना पसंद करते है |  पक्षियों की इच्छा खुले आसमान में उड़ने की है | नदी-झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं। वह आकाश को छूना चाहते है |  अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना चाहते है , पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना चाहते है, नदी-झरनों का जल पीना, फल-फूल खाना चाहते है|  पक्षियों की पंखो की आज़ादी को कैद नहीं करना चाहिए |

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