Hindi, asked by gargakash203, 7 months ago

हर देश जातिऔर धर्म के महापुरुषों ने सादा जीवन और उच्च विचार के
सिद्धांत पर बल दिया है क्योकि हर समाज में ऐश्वर्यमूर्ण स्वच्छदं और
आडंबरपूर्ण जीवन जीने वाले लोग अधिक है आज मनुष्य सुख भोग और धन-
दौलत के पीछे रहा है उसकी असीमित इच्छाएँ उसे स्वार्थी बना रही है वह अपने
स्वार्थ के सामने दुसरो की सामान्य इच्छा और आवश्यकता तक को परवाह नहीं
करता जबकि विचारो को उच्चता में ऐसी शक्ति होती है कि मनुष्य की इच्छाए
सीमितहो जाती है सादगी पूर्ण जीवन जीने उसमें संतोष और संयम जैसे अनेक
सद्गुण स्वत: ही उतपन्न हो जाते है इसके अतिरिक्त उसके जीवन में लोभ
और ईष्या का कोई स्थान नहीं रहता। उच्च विचारो से उसका स्वाभिमान भी
बढ़ जाता है जो किउसके चरित्र को प्रमुख पहचान बन जाता है इसके वह
छल- कपट, प्रमाद और अहकार से दूर रहता किन्तु आज भी इस भाग-दौड़
वाली जिंदगी में हरेक व्यक्ति कि यही लालसा रहती है कि उसकी जिंदगी
ऐशो आराम से भरी हो। वास्तव में आज के वातावरण में मानव पशिचमी
सभ्यता, फैशन और भौतिक सुख-साधनो से भ्रमित होकर उन में सलिप्त होता
जा रहा है ऐसे में मानवता कि रक्षा केवल सादा जीवन और उच्च विचार रखने
वाले महापुरुषों के आदर्शो पर चलकर ही कि जा सकती है।
1. हर देश जाति और धर्म के महापुरुषो ने किस सिद्धांत पर बल
दिया है ?
2. अपने स्वार्थ के समने मनुष्य को किस चीज को परवाह नहीं रहती है ?
3. सादगीपूर्ण जीवन जीने से मनुष्य में कौन-2 से गन उतपन्नहो जाते है ?
4. आधुनिक मानव किन भावनाओ में संलिप्त होता जा रहा है?
5. उपयुक्त गंधाश का उचित शीर्षक लिखिए।​

Answers

Answered by stharohan4200
1

Answer:

1. हर देश जातिऔर धर्म के महापुरुषों ने सादा जीवन और उच्च विचार के

सिद्धांत पर बल दिया है

2.स्वार्थ के सामने मनुष्य को दुसरो की सामान्य इच्छा और आवश्यकता तक को परवाह नहीं

रहती है

3.सद्गुण स्वत: ही उतपन्न हो जाते है इसके अतिरिक्त उसके जीवन में लोभ

और ईष्या का कोई स्थान नहीं रहता।

4.छल- कपट, प्रमाद और अहकार से दूर रहता किन्तु आज भी इस भाग-दौड़

वाली जिंदगी में आधुनिक मानव कि यही लालसा रहती है उसकी जिंदगी

ऐशो आराम से भरी हो। वास्तव में आज के वातावरण में मानव पशिचमी

सभ्यता, फैशन और भौतिक सुख-साधनो से भ्रमित होकर उन में सलिप्त होता

5. उपयुक्त गंधाश का उचित शीर्षक  आधुनिक मानव है

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Answered by shubhamjangir1222
0

Explanation:

1 उच्च विचार

2 स्वार्थ के सामने दुसरो की सामान्य इच्छा और आवश्यकता तक को परवाह नहीं करता

3 सादगी पूर्ण जीवन जीने उसमें संतोष और संयम जैसे अनेक

सद्गुण स्वत: ही उतपन्न हो जाते है

4 वास्तव में आज के वातावरण में मानव पशिचमी सभ्यता, फैशन और भौतिक सुख-साधनो से भ्रमित होकर उन में सलिप्त होता जाता है

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