हरनी फेयोल के प्रभंधकीय योगदान का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
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हेनरी फेयोल (Henri Fayol ; 29 जुलाई 1841 – 19 नवम्बर 1925) फ्रांस के खनन इंजीनियर तथा प्रबन्ध-सिद्धान्तकार थे। उन्होने व्यवसाय प्रशासन का सामान्य सिद्धान्त विकसित किया जिसका 20वीं सदी के प्रारंभ में व्यापक प्रभाव था। फेयोल एवं उनके सहकर्मियों ने इस सिद्धान्त का विकास वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त के विकास से स्वतंत्र रूप से एवं लगभग उसी काल में किया। प्रबन्धन के आधुनिक संकल्पना के विकास में सबसे प्रभावी योगदान करने वालों में फेयोल का नाम अग्रणी है।
फेयॉल के अनुसार प्रबंध के कार्य हैं--
योजना बनाना, आदेश देना, समन्वय करना एवं नियंत्रण करना।
एक औद्योगिक संस्थान की क्रियाओं को इस प्रकार विभक्त किया जा सकता है-
तकनीकी, वाणिज्यिक, वित्तीय सुरक्षा, लेखांकन एवं प्रबंधन।
उसने यह भी सुझाव दिया कि एक प्रबंधक में यह गुण होने चाहिएः
शारीरिक, नैतिक शिक्षा, ज्ञान, एवं अनुभव।
फेयॉल ने 14 सिद्धांतों को सूचीबद्ध किया-
कार्य विभाजन, अधिकार एवं उत्तरदायित्व, अनुशासन, आदेश की एकता, निर्देश की एकता, व्यक्तिगत हितों का सामान्य हितों के पक्ष में समर्पण, कर्मचारियों का प्रतिफल, कर्मचारियों के कार्यकाल में स्थिरता, पहल क्षमता एवं सहयोग की भावना।
प्रबंध की क्लासिकल विचारधारा के विकास में फेयॉल के प्रशासनिक सिद्धांत महत्त्वपूर्ण कड़ी का काम करते हैं। जहाँ फ्रेडरिक विंस्लो टेलर कारखाने में कर्मशाला स्तर पर श्रेष्ठतम कार्य पद्धति की रचना करने, दिन का उचित कार्य, विभेदात्मक मजदूरी प्रणाली, एवं क्रियात्मक फोरमैनशिप के रूप कार्य करने में क्रांति लाने में सफल रहा वहीं हेनरी फेयॉल ने समझाया कि प्रबंधक का क्या कार्य है एवं इसे पूरा करने के लिए किन सिद्धांतों का पालन किया जाएगा। कारखाना प्रणाली में यदि श्रमिक की कार्य क्षमता का महत्त्व है, तो प्रबंधक की कुशलता का भी उतना ही महत्त्व है। फेयॉल के योगदान को प्रबंध की कुशलता में सुधार में उसके सिद्धांतों के प्रभाव जो वर्तमान में भी हैं के रूप में समझना चाहिए