Hindi, asked by sumanmeharsumanmehar, 4 months ago

hargobin के चरित्र की विशेषताएं बताइए class 12th ke antra book 2 me chapter 4​

Answers

Answered by atulyadavskv1995
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Answer:

रूप सिंह घर छोड़कर नहीं गया था बल्कि चुपचाप बिना बताए घर से चला गया था। प्रायः लोग नौकरी की तालाश में घर छोड़कर जाते हैं। वे यह कार्य सर्वसम्मति से करते हैं। रूप सिंह जब छोटा था, तो उसने अपने पिता-भाई को कुछ नहीं बताया और एक साहब के साथ चला गया। आज वह बहुत वर्षों के बाद घर को लौट रहा था। यहाँ आने पर जहाँ उसमें अपनत्व की भावना थी, वहीं उसे अपने इस कार्य के कारण शर्म आ रही थी। वह समझ नहीं पा रहा था कि वह घरवालों को क्या बोलेगा। अतः उसके मन में झिझक की भावना भी विद्यमान थी।

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Question 2:

पत्थर की जाति से लेखक का क्या आशय है? उसके विभिन्न प्रकारों के बारे में लिखिए।

ANSWER:

पत्थर की जाति से लेखक का आशय पत्थर के प्रकार से है। बहुत किस्म के पत्थर पाए जाते हैं। वे इस प्रकार हैं-

(क) ग्रेनाइट- यह बहुत सख्त पत्थर होता है। इसकी चट्टान भूरी होती है लेकिन उसमें गुलाबी आभा होती है।

(ख) बसाल्ट- इस पत्थर का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से होता है।

(ग) बलुआ पत्थर- यह बालू से बना होता है। लालकिला आदि इमारतें इसी से बनी हैं।

(घ) संगमरमर- यह चूना पत्थर के बदलने से बनता है। यह मुलायम होता है।

(ङ) परतदार पत्थर- यह बारीक कणों के रूपान्तरित शैलों से बनता है।

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Question 3:

महीप अपने विषय में बात पूछे जाने पर उसे टाल क्यों देता था?

ANSWER:

महीप जान गया था कि रूप सिंह रिश्ते में उसका चाचा है। रूप ने रास्ते में कई बार भूपसिंह और शैला के बारे में बात की थी। वह कुछ-कुछ समझ गया था कि रूप सिंह कौन है? वह उसे अपने विषय में बताना नहीं चाहता था और न ही अपने विषय में कोई बात करना चाहता था। अतः जब भी रूप सिंह महीप से उसके विषय में कुछ पूछता था, तो वह बात को टाल देता था। वह अपने माँ के साथ हुए अन्याय को बताना नहीं चाहता था। उसकी माँ ने अपने पति द्वारा दूसरी स्त्री घर में लाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इससे वह दुखी था। उसने इसी कारण अपना घर छोड़ दिया था।

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Question 4:

बूढ़े तिरलोक सिंह को पहाड़ पर चढ़ना जैसी नौकरी की बात सुनकर अजीब क्यों लगा?

ANSWER:

पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ पर चढ़ना आम बात है। यह उनके दैनिक जीवन का भाग है। उसके लिए उन्हें किसी तरह की नौकरी आज तक मिलते नहीं देखा था। जब बूढ़े तिरलोक को रूप सिंह ने बताया कि वह शहर में पहाड़ पर चढ़ना सिखाता है, तो वह हैरान रह गया। उसे इस बात की हैरानी थी कि रूप सिंह जिस नौकरी की इतनी तारीफ़ कर रहा है, वह बस पहाड़ पर चढ़ना सिखाना है। इतनी सी बात के लिए उसे चार हज़ार महीना मिलते हैं। उसे लगा कि सरकार मूर्खता भरा काम कर रही है। इतने छोटे से काम के लिए चार हज़ार महीना वेतन के रूप में मिलने वाली बात उसे हैरान करने लगी।

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Question 5:

रूप सिंह पहाड़ पर चढ़ना सीखने के बावजूद भूप सिंह के सामने बौना क्यों पड़ गया था?

ANSWER:

रूप सिंह ने पहाड़ पर अवश्य चढ़ना सीखा था परन्तु उसका चढ़ना भूप सिंह के समान नहीं था। वह रस्सियों तथा अन्य सामान के साथ पहाड़ों पर चढ़ना सीखा था। उनके बिना तो वह चढ़ाई कर ही नहीं सकता था। भूप सिंह एक पहाड़ी व्यक्ति था। पहाड़ों पर रोज़ कई-कई बार चढ़ना-उतरना पड़ता था। इसके लिए वह रस्सी या अन्य किसी सामान का सहारा नहीं लेता था। वह दुर्गम चढ़ाई भी सरलता से कर जाता था। इसके विपरीत रूप सिंह के लिए यह कार्य असाध्य था। अपने भाई के घर जाने के लिए उनके भाई भूप सिंह ने उनकी सहायता की। भाई द्वारा पहाड़ों पर बिना किसी सहारे के चढ़ाई देखकर वह स्वयं को उसके आगे बौना महसूस करने लगा। उसका स्वयं पर गर्व समाप्त हो गया।

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