Hindi, asked by theman8570, 1 year ago

Haritaharam advantages in Hindi

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Answered by yusuf53
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Answer:

it is very easy you can write this by framing your answer how it will help in writing in examination I don't think it this very urgent for you

Answered by ankushmishra32
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Haritha Haram योजना के प्रथम चरण में 15.86 करोड़ पेड़ पौधे लगाए जाएंगे जय योजना कुल 4 वर्षों तक चलाई जाएगी जिसमें 230 करोड़ पेड़ों को लगाया जाना है. इस योजना का कुल बजट 5500 करोड रुपए है.

हरिथा हरम योजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा. इस योजना को ग्रामीण और शहरी दो भागों में बांटा गया है. इस योजना को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने तेलगाना राज्य के लोगों से भी सहयोग करने को कहा है और यहां के लोगों ने भी इस मुहिम को सराहा है और इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है.

इस योजना के अंतर्गत पेड़ पौधों की रक्षा और उन्हें बढ़ाने के लिए निम्न प्रकार से कार्य किए जाएंगे –

(1) सर्वप्रथम इस योजना के अंतर्गत पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जाएगी और साथ ही पेड़ों की अवैध तस्करी पर भी रोक लगाई जाएगी.

(2) इस योजना को सफल बनाने के लिए शहर और गांव में कई कार्यक्रम किए जाएंगे जिससे लोगों को बताया जाएगा कि पेड़ हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है.

(3) इस योजना के तहत वनों में लगने वाली आग को कैसे कम किया जाए और मिट्टी के कटाव को कम करने पर भी बल दिया जाएगा साथ ही यह भी कि किसी स्थान की मिट्टी किन पेड़ों के लिए उपयुक्त है और वहां पर उसी प्रकार के पेड़ लगाए जाएंगे.

(4) हरिथा हरम योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग सड़कों, राज्य राजमार्ग सड़कों और गांवों और कस्बों की सड़कों पर अत्यधिक मात्रा में पेड़ लगाए जाएंगे. और ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे जो कि कई वर्षों तक जो कहते हो बने रहे हैं इन पेड़ों में रजत ओक, कनुगा, नीम, रवि, मैरी, नेरेडू, वर्षा वृक्ष, गुलममोहर, पेलोटॉपहोरम और स्पैथोडिया शामिल किया गया है.

(5) इस योजना के तहत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा और साथ ही गांवों और कस्बों में बागान लगाए जाएंगे. बागानों को लगाने के बाद इनकी रक्षा और रखरखाव के लिए इसका कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा जाएगा.

(6) इस योजना को पूरी तरह से सफल करने के लिए स्कूल, सरकारी संस्थान, अस्पताल, कब्रिस्तान और निजी संस्थानों और उद्योगों में भी पौधों का रोपण किया जाएगा जिससे चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाएगी.

(7) शहरों में बढ़ती हुई आबादी के बीच पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है इसकी भरपाई के लिए कॉलोनियों के बीच में छोटे-छोटे बगीचे और बागान लगाए जाएंगे लोगों को भी अपने घर में पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इन पेड़ पौधों की रक्षा करने के लिए वहां के निवासियों को ही चुना जाएगा.

(8) किसानों को भी अपनी कृषि भूमि पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिसमें टीक, रेड सैंडर्स, तामारिंद, मुनागा, बॉम्बेक्स, नीलगिरी, बांस और सुब्बूल नाम के पेड़ों की प्रजातियां शामिल की गई है. यह कृषि भूमि के लिए लाभदायक भी होंगे और साथ ही हरियाली को भी बढ़ावा देंगे.

(9) पहाड़ों पर भी पेड़ पौधे लगाए जाएंगे जिसमें सिससो, बादाम, नेमाली नारा और कनुगा जैसे कठोर पौधे शामिल किए जाएंगे ताकि पहाड़ों की बंजर भूमि को भी हरा-भरा किया जा सके. इससे पर्यटन क्षेत्र भी बढ़ने की संभावना होगी.

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