Hindi, asked by bhawnamali4466, 2 days ago

हस्ती चढ़िए ज्ञान को सहज दुलीचा डारी | स्वान रूप संसार है मूंकन दे झख मारि || लेन पाचार्य को एक -SA SMAnd​

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Answered by crgvarma1977
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Answer:

हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि। स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि। प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने ज्ञान को हाथी की उपमा तथा लोगों की प्रतिक्रिया को स्वान (कुत्ते) का भौंकना कहा है। ... यहाँ शास्त्रीय ज्ञान का विरोध किया गया है तथा सहज ज्ञान को महत्व दिया गया है

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