हस्ती ढूंढत ज्ञान कौ सहज दुलीचा डारि का अर्थ बताइए
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ARTH
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भाव सौंदर्य- दी गयी पंक्तियों में कबीर ने ज्ञान की तुलना हाथी से की है| यहाँ कवि कह रहा है मनुष्य को इस ज्ञान रुपी हाथी की सवारी गलीचा डाल कर करनी चाहिए| ऐसा करते वक्त अगर यह समाज अथवा संसार उसकी आलोचना करता है तो मनुष्य को उस आलोचना की परवाह नहीं करनी चाहिए| मनुष्य का मूल उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति का होना चाहिए|
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