Hindi, asked by TheDemogorgonSlayer, 1 year ago

हस्तकलाओ का घटता महत्त्व विषय पर अनुच्छेद​

Answers

Answered by shailjarathore
2

Answer:

हस्तकला (Handicraft) ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता है तथा जिसे मुख्यत: हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही बनाया जाता है। ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व होता है। इसके विपरीत ऐसी चीजें हस्तशिल्प की श्रेणी में नहीं आती जो मशीनों द्वारा बड़े पैमाने पर बनाये जाते हैं।

भारतीय हस्तशिल्प संपादित करें

भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है। यहाँ दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएँ भी कोमल कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं। यह हस्तशिल्प भारतीय हस्तशिल्पकारों की रचनात्मकता को नया रूप प्रदान करने लगे हैं। भारत का प्रत्येक क्षेत्र अपने विशिष्ट हस्तशिल्प पर गर्व करता है। उदाहरणार्थ— कश्मीर कढ़ाई वाली शालों, गलीचों, नामदार सिल्क तथा अखरोट की लकड़ी के बने उपस्कर (फर्नीचर) के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान बंधनी काम के वस्त्रों, कीमती हीरे-जवाहरात जरे आभूषणों, चमकते हुए नीले बर्त्तन और मीनाकारी के काम के लिए प्रसिद्ध है। आंध्रप्रदेश अपने बीदरी के काम तथा पोचमपल्ली की सिल्क साड़ियों के लिए प्रख्यात है। तमिलनाडु ताम्र मूर्त्तियों एवं कांजीवरम साड़ियों के लिए जाना जाता है तो मैसूर रेशम और चंदन की लकड़ी की वस्तुओं के लिए तथा केरल हाथी दाँत की नक्काशी व शीशम की लकड़ी के उपस्कर के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश की चंदेरी और कोसा सिल्क, लखनऊ की चिकन, बनारस की ब्रोकेड़ और जरी वाली सिल्क साड़ियाँ तथा असम का बेंत का उपस्कर, बांकुरा का टेराकोटा तथा बंगाल का हाथ से बुना हुआ कपड़ा, भारत के विशिष्ट पारम्परिक सजावटी दस्तकारी के उदाहरण हैं। ये आधुनिक भारत की विरासत के भाग हैं। ये कलाएँ हजारों सालों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी पोषित होती रही हैं और हजारों हस्तशिल्पकारों को रोजगार प्रदान करती हैं। इस प्रकार देखा जा सकता है भारतीय शिल्पकार किस तरह अपने जादुई स्पर्श से एक बेजान धातु, लकड़ी या हाथी दाँत को कलाकृति में बदलकर भारतीय हस्तशिल्प को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अतुलनीय पहचान दिलाते हैं।


TheDemogorgonSlayer: thaaaaaank you sooo muchh
shailjarathore: welcome
shailjarathore: mark it as brainliest
TheDemogorgonSlayer: kay boii
Similar questions