हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम्।
श्रोत्रस्य भूषणं शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम्।।(please translate in hindi)
Answers
Answered by
12
Answer:
हाथ का गहना दान करना है, कण्ठ (गले) का आभूषण सत्य का यथोचित व्यवहार करना है, कानों का भूषण वेद-आदि शास्त्रों व सद्ग्रन्थों का स्वाध्याय और महान् गुरुओं व विद्वानों से श्रवण करना है ।
Explanation:
"हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम् । श्रोत्रस्य भूषणं शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम् ।।" अर्थः
Similar questions