hasya kavita in hindi
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Answer:
हम दौड़ें तो गिर-गिर जाएँ
दौड़े ट्रेन न गिरती है ।
पतली-पतली पटरी पे
छुक-छुक करके चलती है ।।
सनसन चाल निराली इसकी
हवा से बातें करती है ।
दिन हो या सावन की रात
ये तो चलती रहती है ।।
सर्दी, गर्मी, वर्षा, आंधी
हम सबके हित सहती है ।
पापा को घर से ले जाये
वापस भी ले आती है ।।
Explanation:
पप्पू का फिर एग्जाम’
सुबह से शाम तक पप्पू जप रहा भगवान का नाम।
खा रहा बार-बार बादाम, लगा रहा झंडू बाम।।
घरवाले समझ गये कि आ गया है एग्जाम।
आ गया है एग्जाम अतः पप्पू का सिर है जाम।।
पिछली बार जाम हो गए थे याद करने वाले उत्तर।
याद हो जाते यदि होते क्लासमेट रिया से सुन्दर।।
किन्तु सुन्दर सुशील तो थे पृश्न पत्र में सवाल।
ऊपर से पास में बैठी रिया, चेहरा जिसका कमाल।।
कमाल था उसका नूर, धमाल थी उसकी बाते।
पप्पू जी के देखते-देखते 3 घंटे यूँही कट जाते।।
3 घंटे के मनोहारी पल ने दिया, 3 नंबर का जलवा।
एग्जाम बड़ा स्वीट था किन्तु रिजल्ट आया कड़वा।।
कड़वे को इस साल पप्पू ने मीठा बनाने में कसी कमर।
रिया, रीता, रीमा सबको मानेगा इस बार सिस्टर।।
सब होगी सिस्टर पप्पू जी फोकस करेंगे उत्तर देने में।
समझ में आया कुछ ना धरा, सुंदर चेहरे देखते रहने में।।
चेहरे देखते रहने में, नंबर मिले चेहरे जैसे गोल।
दो चार साल और देखे तो फ्यूचर बनेगा ढोल।।