Hindi, asked by AyaanNarula33, 7 months ago

hasya kavita on corona in hindi​

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Answered by priyapayal0011
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Answer:

कल रात सपने में आया कोरोना....

उसे देख जो मैं डरातो मुस्कुरा के बोला

मुझसे डरो ना...

उसने कहा- कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति।

न चूमते,न गले लगाते

दोनों हाथ जोड़ कर वो स्वागत करते,

मुझसे डरो ना..

कहां से सीखा तुमने ??

रूम स्प्रे ,बॉडी स्प्रे,

पहले तो तुम धूप,

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दीप कपूर अगरबत्ती,लोभान जलाते

वही करो ना,

मुझसे डरो ना...

शुरू से तुम्हें सिखाया गया

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अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो,

मत भूलो अपनी संस्कृति

वही करो ना

मुझसे डरो ना...

उसने कहा सादा भोजन उच्च विचार

यही तो है तुम्हारे संस्कार।

उन्हें छोड़ जंक फूड फ़ास्ट फूड के चक्कर में पड़ो ना

मुझसे डरो ना...

उसने कहा शुरू से ही जानवरों को पाला-पोसा प्यार दिया

रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति,उनका भक्षण करो ना

मुझसे डरो ना

कल रात मेरे सपने में आया कोरोना

बोला मुझसे डरो ना।

Answered by avitaylor101
1

Answer:

वह सात स्वर्ग, अपवर्ग, मोक्ष से भी ऊँचा उठ जाता है...

अदवायन खिंची खाट में जो पड़ते ही आनंद आता है।

वह सात स्वर्ग, अपवर्ग, मोक्ष से भी ऊँचा उठ जाता है।

जब 'सुख की नींद' कढ़ा तकिया, इस सर के नीचे आता है,

तो सच कहता हूँ इस सर में, इंजन जैसा लग जाता है।

मैं मेल ट्रेन हो जाता हूँ, बुद्धि भी फक-फक करती है।

भावों का रश हो जाता है, कविता सब उमड़ी पड़ती है।

मैं औरों की तो नहीं, बात पहले अपनी ही लेता हूँ।

मैं पड़ा खाट पर बूटों को ऊँटों की उपमा देता हूँ।

मैं खटरागी हूँ मुझको तो खटिया में गीत फूटते हैं।

छत की कड़ियाँ गिनते-गिनते छंदों के बंध टूटते हैं।

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