Hindi, asked by anavil, 1 year ago

hasya ras ki paribhasha

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Answered by AnubhavBhale
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जहाँ किन्ही विचित्र स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य की उत्पत्ति होती है उसे ही हास्य रास कहा जाता है । इसका स्थायी भाव हास होता हैं । इसके अन्तर्गत वेशभूषा, वाणी आदि की विकृति को देखकर मन में जो विनोद का भाव उत्पन्न होता है उससे हास की उत्पत्ति होती है, इसे ही हास्य रस कहा जाता है । उदाहरण -

पैसा पाने का तुझे बतलाता हु प्लान । 
कर्ज लेकर बैंक से, हो जा अंतर्धान ॥  
Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

हास्य रस – Hasya Ras अर्थ–वेशभूषा, वाणी, चेष्टा आदि की विकृति को देखकर हृदय में विनोद का जो भाव जाग्रत होता है, उसे 'हास' कहा जाता है। यही 'हास' विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव से पुष्ट होकर 'हास्य रस' में परिणत हो जाता है।

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