Hasya Ras ki paribhasha with example
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हास्य रस की परिभाषा- हास्य रस का स्थायी भाव हास् है। किसी असाधारण व्यक्ति की असाधारण आकृति, विचित्र वेशभूषा, अनोखी बातें सुनने या देखने से मन मे उत्पन्न स्थायी भाव को 'हास' कहते है और जब हास स्थायी भाव का संयोग विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव से होता है, तो हास्य रस (Hasya Ras in Hindi) की उत्पत्ति होती है।
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