Hindi, asked by saurabhkannoujiya27, 1 year ago

हड़प्पा सभ्यता की अर्थव्यवस्था समाज और धर्म का वर्ण कीजिए​

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Answered by bhatiamona
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हड़प्पा सभ्यता की अर्थव्यवस्था और समाज और धर्म का वर्णन

हड़प्पा निवासियों के धर्म और संस्कृति  

हड़प्पा निवासी धरती को उर्वरता की देवी मान कर इसकी पूजा किया करते थे। हड़प्पा के भगवान शिव की पूजा उस समय के ‘पशुपति‘ कि रूप में करते थे |  

हड़प्पा निवासी अधिक मात्रा में मिली ताबीज़ों को पहनते थे , इससे पता चलता है  के लोग भूत-प्रेत एवं तंत्र-मंत्र में भी विश्वास करते थे।  नाग पूजा भी करते थे| हड़प्पा निवासी हवन कुंडों एवं यज्ञवेदियों का भी इस्तेमाल करते थे|  

हड़प्पा के लोगों में जो धार्मिक रीति-रिवाज प्रचलित थे, उनमें से कुछ आज भी हिन्दुओं में पाए जाते हैं। माँग में सिन्दूर भरता विवाहित हिन्दू स्त्रियों के लिए सुहाग का प्रतीक है।  

हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक जीवन के बारे में हमें अधिकांश जानकारी पुरातात्विक स्रोतों - जैसे मूर्तियों, मुहरें, मृद्भांण्ड, पत्थर तथा अन्य पदार्थो से निर्मित लिंग तथा चक्र की आकृति, ताम्र फलक, क़ब्रिस्तान आदि से मिलती है। हड़प्पा संस्कृति में कही से किसी भी मंदिर के अवशेष नहीं मिले है।  हडप्पा से भारी मात्रा में मिली मिट्टी की मृण्मूर्तियों में से एक स्त्री मृण्मूर्ति के गर्भ से एक पौधा निकलता हुआ दिखाया गया है, इससे यह मालूम होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मान कर इसकी पूजा किया करते थे।

हड़प्पा के भगवान शिव की पूजा उस समय के ‘पशुपति‘ कि रूप में होती रही होगी। हड़प्पा एवं मोहनजोदाड़ो से मिले पत्थर के बने लिंग और योनि से उनकी पूजा के प्रचलन में होने का भी प्रमाण मिला है। वृक्षपूजा के प्रमाण मोहनजोदाड़ो से प्राप्त एक सील पर बने होने का प्रमाण भी मिलता है।

पशुओं में कूबड़ वाला साँड़ इस सभ्यता के लोगों के लिए विशेष पूज्यनीय था।  हड़प्पा के लोगों में जो धार्मिक रीति-रिवाज प्रचलित थे, उनमें से कुछ आज भी हिन्दुओं में पाए जाते हैं। माँग में सिन्दूर भरता विवाहित हिन्दू स्त्रियों के लिए सुहाग का प्रतीक है। हड़प्पा से प्राप्त एक मिट्टी की पट्टी पर एक महिष यज्ञ का दृश्य चित्रित है, जो हमें महिषासुर-मर्दिनी की याद दिलाता है। चालाक लोमड़े और प्यासे कौवे की कहानियाँ हड़प्पा के कलशों पर चित्रित है।

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