History, asked by herobittu0827, 9 months ago

हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन का वर्णन करें​

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Answered by abhijitgupta2
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Explanation:

हड़प्पा सभ्यता – नगर नियोजन

वास्तव में सिन्धु घाटी सभ्यता अपनी विशिष्ट एवं उन्नत नगर योजना (town planning) के लिए विश्व प्रसिद्ध है क्योंकि इतनी उच्चकोटि का “वस्ति विन्यास” समकालीन मेसोपोटामिया आदि जैसे अन्य किसी सभ्यता में नहीं मिलता. सिन्धु अथवा हड़प्पा सभ्यता के नगर का अभिविन्यास शतरंज पट (ग्रिड प्लानिंग) की तरह होता था, जिसमें मोहनजोदड़ो की उत्तर-दक्षिणी हवाओं का लाभ उठाते हुए सड़कें करीब-करीब उत्तर से दक्षिण तथा पूर्ण से पश्चिम को ओर जाती थीं. इस प्रकार चार सड़कों से घिरे आयतों में “आवासीय भवन” तथा अन्य प्रकार के निर्माण किये गये हैं.

नगर योजना एवं वास्तुकला के अध्ययन हेतु हड़प्पा सभ्यता के निम्न नगरों का उल्लेख प्रासंगिक प्रतीत होता है –

हड़प्पा

मोहनजोदड़ो

चान्हूदड़ो

लोथल

कालीबंगा

हड़प्पा के उत्खननों से पता चलता है कि यह नगर तीन मील के घेरे में बसा हुआ था. वहाँ जो भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं उनमें स्थापत्य की दृष्टि से दुर्ग एवं रक्षा प्राचीर के अतिरिक्त निवासों – गृहों, चबूतरों तथा “अन्नागार” का विशेष महत्त्व है. वास्तव में सिंधु घाटी सभ्यता का हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, सुत्कागेन-डोर एवं सुरकोटदा आदि की “नगर निर्माण योजना” (town planning) में मुख्य रूप से समानता मिलती है. इनमें से अधिकांश पुरास्थ्लों पर पूर्व एवं पश्चिम दिशा में स्थित “दो टीले” हैं.

कालीबंगा ही एक ऐसा स्थल है जहाँ का का “नगर क्षेत्र” भी रक्षा प्राचीर से घिरा है. परन्तु लोथल तथा सुरकोटदा के दुर्ग तथा नगर क्षेत्र दोनों एक ही रक्षा प्राचीर से आवेष्टित थे. ऐसा प्रतीत होता है कि दुर्ग के अंदर महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक तथा धार्मिक भवन एवं “अन्नागार” स्थित थे. संभवतः हड़प्पा में गढ़ी के अन्दर समुचित ढंग से उत्खनन नहीं हुआ है.

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Answered by AnkitaSahni
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इस प्रसिद्ध सभ्यता को इनडस वैली सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है और यह एक कांस्य युग सभ्यता थी, जो उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक वर्तमान भौगोलिक स्थिति में स्थित थी ।

हड़प्पा सभ्यता के नगर नियोजन का वर्णन -

  • घरों का पैटर्न : मोहेंजो-दारो में पुरातत्व खुदाई ने खुलासा किया कि मोहेंजो-दारो शहर को दो वर्गों में विभाजित किया गया था: गढ़ और निचला शहर। उच्च लेकिन छोटे क्षेत्र गढ़ के हैं जबकि निचले शहर क्षेत्रों में बड़ा था। निचले शहर के अधिकांश  घरों में उनके आसपास के कमरे के साथ एक केंद्रीय आंगन था I
  • गलियां और सड़कों का पैटर्न : इनडस वैली की सभी गलियां और सड़कें सीधी थीं और एक-दूसरे को सही कोण पर काट रही थीं। सभी सड़कों को जली हुई ईंटों का उपयोग करके बनाया गया था और प्रत्येक ईंट की लंबाई ईंट की ऊंचाई से चार गुना थी और चौड़ाई ईंट की ऊंचाई से दो गुना थी।
  • ग्रेट बाथ : खुदाई से पता चलता है कि ग्रेट बाथ जो शहर के अंदर स्थित था एक बड़ा आयताकार टैंक था और विशेष अनुष्ठान या औपचारिक स्नान के लिए मतलब था और लगभग एक आधुनिक दिन स्विमिंग पूल के समान था ।
  • महान ग्रैनरी: मोहेंजो दारो में इनडस वैली में सबसे बड़ी भंडार स्थलों में से एक पाया गया था। खुदाई में पाया लगभग हर साइट ग्रैनरी या गोदामों की प्रणाली की गवाह देति है । चावल, गेहूं और जौ जैसे अधिकांश मुख्य भोजन आपदाओं के दौरान सार्वजनिक वितरण के लिए इन गोदामों में संग्रहित किए गए थे ।
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