History, asked by anitapatra665, 2 months ago

हड़प्पा सभ्यता में सत्ता के केंद्र अथवा सत्ताधारी लोगों के विषय में पुरातात्विक विवरण हमें कोई उत्तर नहीं देते प्रमाणों के साथ सिद्धांत कीजिए​

Answers

Answered by krishnajoshi1759
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Answer:

Here is your answer.

Explanation:

उत्तर- ( 1 ) पुरातत्वविदों ने मोहनजोदड़ो में मिले एक विशाल भवन को एक प्रासाद की संज्ञा दी गई है पंरतु इससे संबधित कोई भव्य वस्तुएं नहीं मिली हैं । ( 2 ) इसी प्रकार पत्थर की एक मूर्ति को ' पुरोहित राजा ' कहा गया था | ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरातत्वविदों को मेसोपोटामिया के इतिहास तथा वहाँ के पुरोहित राजाओं के बारे में जानकारी थी | परंतु हड़प्पा सभ्यता की अनुष्ठानिक प्रथाएँ अभी तक ठीक ढंग से नहीं समझी जा सकी है | न ही यह जानने के साधन उपलब्ध है की क्या ये जो लोग अनुष्ठान करते है उन्ही के पास राजनीतिक सत्ता होती थी | ( 3 ) कुछ पुरातत्वविदों का मत है हड़प्पाई समाज में शाषक नहीं थे और सभी की सामाजिक स्थिति एक समान थी | कुछ अन्य पुरातत्वविद यह मानते है की हड़प्पा सभ्यता में कोई एक नहीं बल्कि कई शाषक थे | उनके अनुसार मोहनजोदड़ो , हड़प्पा आदि के अपने अलग -अलग राजा होते थे | ( 2 ) इसी प्रकार पत्थर की एक मूर्ति को पुरोहित राजा ' कहा गया था | ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरातत्वविदों को मेसोपोटामिया के इतिहास तथा वहाँ के पुरोहित राजाओं के बारे में जानकारी थी | परंतु हड़प्पा सभ्यता की अनुष्ठानिक प्रथाएँ अभी तक ठीक ढंग से नहीं समझी जा सकी है | न ही यह जानने के साधन उपलब्ध है की क्या ये जो लोग अनुष्ठान करते है उन्ही के पास राजनीतिक सत्ता होती थी | ( 3 ) कुछ पुरातत्वविदों का मत है हड़प्पाई समाज में शाषक नहीं थे और सभी की सामाजिक स्थिति एक समान थी | कुछ अन्य पुरातत्वविद यह मानते है की हड़प्पा सभ्यता में कोई एक नहीं बल्कि कई शाषक थे | उनके अनुसार मोहनजोदड़ो , हड़प्पा आदि के अपने अलग - अलग राजा होते थे |

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