(३) हवाई अड्डे के अंदर कौन-कौन-सी चेतावनी दी गई है?
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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की अपनी जरूरतों को पूरा करने एवं परामर्शी परियोजनाओं के लिए सिविल एवं संरचना इंजीनियरों से युक्त सिविल इंजीनियरिंग विभाग एयरपोर्ट ग्राउंड एड आदि के अधिष्ठापन के लिए यात्री एवं कार्गो टर्मिनल, एयरक्राफ्ट हैंगर, रनवे तथा अन्य पेवमेंट, तकनीकी भवन की संरचनात्मक डिजाइन तैयार करने का काम करता है। लागत आधिक्य के बगैर परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करने के लिए यह विभाग पर्याप्त प्रत्यायोजित शक्तियों के साथ संगठन के अंदर तथा परामर्श के आधार पर परियोजनाएं संपन्न करने के लिए प्रत्येक परियोजना के लिए एक परियोजना प्रभारी तैनात करने की अपनी प्रमाणित तकनीक अपनाता है।
आंतरिक मृदा एवं सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला तथा अनुसंधान एवं विकास यूनिट द्वारा इस विभाग को सहायता प्रदान की जाती है, जिन्होंने विशेष रूप से स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री के प्रयोग, पेवमेंट डिजाइन एवं पेवमेंट मूल्यांकन आदि के लिए नई तकनीकों के अंगीकरण में इंजीनियरिंग के संबंध में बहुमूल्य कार्य किया है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एयरक्राफ्ट प्रचालन की सुरक्षा से जुड़े पहलुओं जैसे कि रनवे के घर्षण स्तर का अनुरक्षण तथा रनवे सर्फेस की राइडिंग क्वालिटी भी सुनिश्चित की जाती है।
परियोजना प्रभारी के नेतृत्व में परियोजना प्रबंधन दल अनेक गतिविधियों को संपन्न करते हैं, जिसमें परियोजना की निगरानी, संविदा का प्रबंधन तथा गुणवत्ता नियंत्रण शामिल है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कठिन संभारतंत्र तथा परियोजना के स्थलों पर मौजूद जलवायु संबंधी भिन्न-भिन्न स्थितियों के तहत एवं भारत में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विमानपत्तनों के निर्माण के दौरान, जैसे कि लक्षद्वीप में अगाती स्थित एयरपोर्ट और 10,683 एएमएसएल फीट की ऊंचाई पर लेह में स्थित हवाई अड्डे के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई बड़ी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने में इस विभाग का रिकार्ड बहुत अच्छा है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने जयपुर, उदयपुर, श्रीनगर, देहरादून, कूच बिहार, गया, डिब्रूगढ़, नागपुर, औरंगाबाद, पुणे, कालीकट, विजाग, त्रिची और मंगलौर में टर्मिनल भवन की नई परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। वाराणसी, लखनऊ, बारापानी, रांची, रायपुर, मदुरै, मैसूर, कोयम्बटूर, अहमदाबाद, भोपाल और इंदौर में टर्मिनल भवन की नई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। पेकयांग में एक नया ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा, जो सिक्किम राज्य में एकलौता हवाई अड्डा बना, नवीनतम टेरामेश/ग्रीन टेरामेश प्रौद्योगिकी से निर्मित किया जा रहा है जहां कटाव/भराव की ऊंचाई 50 मीटर तक है। आई एल एस सुविधा के साथ एटीआर-72 टाइप के एयरक्राफ्ट को हैंडल करने के लिए चेतू इटानगर में एक नए ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के लिए योजना तैयार करने का कार्य चल रहा है।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अधीन एक अलग प्रकोष्ठ आमतौर पर हवाई अड्डा प्रबंधन एवं प्रचालन के सिलसिले में सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित पहलुओं की दैनिक अनुरक्षण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का सिविल इंजीनियरिंग विभाग अपने तमगे में अतिरिक्त विशेषताएं शामिल करने के लिए एयरपोर्ट की सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किसी भी चुनौती को स्वीकार करने में न केवल सक्षम है अपितु इसके लिए तत्पर भी है।
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