Biology, asked by rajukushvaha94, 3 months ago

हवा द्वारा पुष्परागम के अनुकूलता का अध्ययन कर लिखें​

Answers

Answered by AkashMello
8

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायक

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैं

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैंपरागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:-

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैंपरागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:-1 स्वपरागण

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैंपरागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:-1 स्वपरागण2 परपरागण

पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है।पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायकपरागण क्या है?जब किसी पुष्प का परागकण निकालकर किसी दूसरे पुष्प या फिर किसी दूसरे पौधे के पुष्प तक पहुँचता है, तो इस क्रिया को परागण कहते हैंपरागण की क्रिया दो विधियों द्वारा होती है:-1 स्वपरागण2 परपरागण1 स्वपरागण :- जब परागण की क्रिया किसी पुष्प के परागकोष से परागकण निकालकर उसी पौधे के पुष्प पर परता है तो वह स्वपरागण कहलाता है।

I hope it helps you....

peace

Attachments:
Answered by SushmitaAhluwalia
0

हवा से परागण अधिक आम है अजैविक परागण के बीच।

  • पवन परागण यह भी आवश्यक है कि परागकण हल्के हों और गैर-चिपचिपा ताकि वे हो सकें पवन धाराओं में ले जाया गया।
  • वे अक्सर अच्छी तरह से उजागर पुंकेसर (ताकि पराग आसानी से हवा की धाराओं में फैल जाते हैं, और बड़े अक्सर-पंख वाले कलंक आसानी से वायुजनित परागकणों को फँसाने के लिए।
  • पवन परागण वाले फूलों में अक्सर एक ही बीजांड होता है प्रत्येक अंडाशय और कई फूलों में पैक किया गया एक पुष्पक्रम; एक परिचित उदाहरण मकई है सिल - आप जो लटकन देख रहे हैं वह कुछ और नहीं बल्कि है कलंक और शैली जो हवा में लहरती ह पराग कण जाल।
  • पवन-परागण काफी है घास में आम।
Similar questions