Hindi, asked by harshsirohi765, 1 month ago

हवलदार साहब चेहरे पर कौतुकभरी मुस्कान क्यों ने फैल गई​

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Answered by kalpanakalpashree999
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Answer:

यानी चश्मा तो था, लेकिन संगमरमर का नहीं था। एक सामान्य और सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला फ्रेम मूर्ति को पहना दिया गया था। हालदार साहब जब पहली बार इस कस्बे से गुज़रे और चौराहे पर पान खाने रुके तभी उन्होंने इसे लक्षित किया और उनके चेहरे पर एक कौतुकभरी मुस्कान

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