Hindi, asked by anuragchhawari48, 7 months ago

हवलदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते​

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Answered by onlytanutanutanu001
5

Answer:

पाठ : नेताजी का चश्मा

लेखक : स्वयं प्रकाश

उत्तर :- प्रस्तुत पाठ ' नेताजी का चश्मा ' में

लेखक ने बताया है कि , हालदार साहब हमेशा

चौराहे पर रुक कर , नेताजी की मूर्ति को

निहारते थे ।

वह ऐसा इसलिए करते थे, क्योंकि उनको नेताजी के मूर्ति पर लगे चश्में को देखना होता

था।

वह हर दिन नेता की के मूर्ति पर अलग -

अलग चश्मा देखकर , मन ही मन सोच में पड़

जाते थे । वह सोचते थे कि ,ऐसा कौन करता

होगा। जरूर कोई बड़ा देशभक्त होगा। या

कोई , नेताजी के पुराने दोस्त ।

Explanation:

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