Have you heard about the jokes of Akbar and Birbal?write two jokes in your own words.
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Answer:
yes I have read it
Explanation:
एक दिन बादशाह अकबर ने कागज पर पैन्सिल से एक लंबी लकीर खींची और बीरबल को बुला कर कहा: बीरबल कुछ ऐसा करो कि न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए?
बीरबल ने फौरन उस लकीर के नीचे एक दूसरी लकीर पहली से बड़ी खींच दी.
बीरबल बोले: अब आप की लकीर इससे छोटी हो गई.
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एक दिन अकबर और बीरबल हमेशा की तरह नगर भ्रमण पर निकले. रास्ते में अकबर को एक कुत्ता बासी और जली हुई रोटी खाते हुए दिखाई दिया. यह देख अकबर ने बीरबल का मजाक उड़ाते हुए कहा, “देखो तो, कुत्ता कैसे काली को खा रहा है.” यहाँ अकबर का इशारा जली-काली रोटी की तरफ़ नहीं था, बल्कि बीरबल की माँ की तरफ़ था, जिनका नाम ‘काली’ था.
बीरबल को ये बात कुछ चुभी, इसलिए वो भी चुप नहीं रहा और बोला, “अरे हुज़ूर! उसके लिए तो वही नियामत है.”
‘नियामत’ अकबर की माँ का नाम था. बीरबल का दो टूक जवाब सुनकर अकबर की बोलती फिर बंद हो गई.