Hindi, asked by shanaya157, 1 month ago

Hello guys...I need a paragraph on science v/s religion(vigyan v/s dharm) but in hindi... please help me...​

Answers

Answered by AbhilabhChinchane
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Answer:

Areas of Focus

Guided by Sir John’s vision, we’re always seeking to enrich the conversation about religion. Rooted in three broad strategic initiatives, we’ve identified several areas of focus.

In addition to these areas of focus, we fund a variety of projects whose aim is to increase the level, degree, and quality of engagement between the methods and deliverances of the sciences, philosophy, and theology by supporting science-engaged theology and theologically-engaged science.

What is the value of art?

Various theories have been advanced over the years — pleasure, beauty, expression or stimulations of emotion — but, as the philosopher Gordon Graham writes, “none of them can on its own explain the special value of great art.” So what does Graham propose? That art is valuable as a source of knowledge and understanding. But is there an empirically demonstrable connection between art and understanding with reference to what Sir John referred to as spiritual reality? Can art provide new spiritual information?

Answered by llsamriddhisinghll
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Answer:

Science:

विज्ञान पृथ्वी, परिवेश और पर्यावरण और शामिल प्राणियों के बारे में ज्ञान है। विज्ञान कई ऐसी चीजों की नई जानकारी और रहस्योद्घाटन प्रदान करता है जिन्हें हम नहीं जानते हैं। दिन-प्रतिदिन विज्ञान प्रगति कर रहा है। अब विज्ञान ने मनुष्य को चंद्रमा तक पहुंचने में मदद की है, जो एक समय में उपग्रह के रूप में मनुष्य के लिए अज्ञात था।

Religion:

धर्म को पवित्रों से संबंधित मान्यताओं, प्रथाओं और मूल्यों की एक प्रणाली के रूप में जाना जाता है। ... यह अलौकिक संस्थाओं और शक्तियों से संबंधित है जिन्हें मानव समूहों के बीच सभी सांसारिक अस्तित्व की अंतिम चिंता के रूप में माना जाता है।

Vigian:

जब हम पीछे मुड़कर देखते है तो पाते है कि विज्ञान की दुनिया ने कितनी तरक्की कर ली है। दुनिया गैजेट्स और मशीनरी से भरी पड़ी है। मशीनरी हमारे परिवेश में सब कुछ करती है। यह कैसे संभव हुआ? हम इतने आधुनिक कैसे हो गए? यह सब विज्ञान की मदद से ही संभव हुआ। विज्ञान ने हमारे समाज के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके अलावा, विज्ञान ने हमारे जीवन को आसान और आलसी बना दिया है।

Dharm:

धर्म आपसी सद्भाव एवं एकता का प्रतीक है क्योंकि किसी धर्म विशेष को मानने वाले लोग एक ही प्रकार की जीवन पद्धति का पालन करते हैं। धर्म या मजहब अपने अनुयायिओं को एकता के सूत्र में पिरोकर रखने का कार्य भी करता है। अनेकता में एकता का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करते हुए भारत के प्रसिद्ध कवी महम्मद इकबाल की १९०४ में लिखी गई पंक्तियां “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” अर्थात् दुनिया का हर धर्म आपस में एकता का पाठ पढ़ाते हैं, आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।

जब-जब किसी भी विदेशी आक्रांता ने भारत पर आक्रमण किया है उसने धर्म के बजाए समाज मे साम्प्रदायिक की भावनाओं को पनपाकर राष्ट्रीय एकता को खंडित करने का प्रयास किया है। धार्मिक एकता को विखंडित करने के बाद ही वे भारत पर कब्जा करने में कामयाब हो पाए। अंग्रेजों ने भी यही किया और 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया। हम निश्चित रूप से इतने वर्षों की गुलामी से बच जाते अगर हमने साम्प्रदायिकता की भावनाओं पर अंकुश लगाते हुए, सर्वधर्म समभाव एवं धर्म की मूल भावना को सही अर्थों में समझा और अपनाया होता।

स्वामी विवेकानंद के अनुसार धर्म लोगों को संगठित करने का कार्य करता है और भाईचारे की भावना के साथ समाज को समग्र विकास के पथ पर अग्रसर करता है। सामाजिक एकता को बढ़ाना विश्व के सभी धर्मों की स्थापना का मूल उद्देश्य है। महात्मा बुद्ध ने भी धम्मं शरणं गच्छामि, संघम शरणं गच्छामि का संदेश दिया। अर्थात् उन्होंने धर्म के शरण में और इस प्रकार संघ के शरण में अर्थात संगठित होने का आह्वान किया जो कि आपसी एकता एवं भाईचारे का परिचायक है।

धर्म का उद्देश्य अपने अनुयायियों को जीवन जीने के लिए जरूरी सभी गुणों से परिपूर्ण करते हुए एक ऐसा आधार प्रदान करना है जिससे वे एकता की भावना से संगठित होकर समाज की भलाई के लिए कार्य कर सकें। इन संदेशों का सार यह है कि हर मजहब या धर्म एकता का ही पाठ पढ़ाते हैं|

Hope it helps you!

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