hello guys .....i want to ask about the black hole theory...... in hindi ..... and please give the right answer.
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नाभिकीय संलयन (nuclear fusion) से निकली हुयी प्रचंड ऊष्मा के कारण ही तारा गुरुत्वाकर्ष संतुलन में रहता है,इसलिए जब तारो में मौजूद हाइड्रोजन(Hydrogen) ख़त्म हो जाती है तो वह तारा धीरे धीरे ठंडा होने लग जाता है फिर अपने ही इंधन को समाप्त कर चुके सौर्य द्रव्यमान से 1.4 गुना द्रव्यमान (mass) वाले तारे जो अपने ही गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध खुद को नहीं संभाल पाते, तो ऐसी स्थिति में इन तारों के अन्दर एक विष्फोट (explosion) होता है जिसको हम सुपरनोवा,महानोवा या supernova कहते हैं कहते हैं ।इस विस्फोट के बाद यदि उस तारे का कोई घनत्व वाला अवशेष बचता है तो वह बहुत भयंकर घनत्व युक्त न्यूट्रॉन तारा (neutron star) बन जाता है।और ऐसे तारों में अपार गुरुत्वीय खिंचाव होने के कारण तारा संकुचित(Compress) होने लगता है और वह संकुचित होते होते अंत में एक निश्चित क्रांतिक सीमा(critical limit) तक संकुचित हो जाता है और इस अपार असाधारण संकुचन के कारण उसका space और Time भी विकृत(deform) हो जाता है और अपने में ही space और टाइम का अस्तित्व मिट जाने के कारण वह अदृश्य हो जाता और यही वह अद्रश्य पिंड होते हैं जिनको हम ब्लैक होल(black hole) कहते हैं ।
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