HELLO MATES
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ITS URGENT
PLEASE
Answers
आज उसने मुझे फिर मारा …..
कहता कि तू धोकेबाज़ है ,
इस कलयुग में तूने जो जनम लिया ,
यही तेरा सबसे घोर अपराध है ।
आज उसने मुझे फिर मारा …..
कहता कि तू एक चोर है ,
अपने ही माँ-बाप की तरह ,
मेरी ज़िंदगी से जुड़ा एक दूसरा छोर है ।
आज उसने मुझे फिर मारा …..
कहता कि तू मेरी रातों का संताप है ,
मेरे जीवन में आने वाली हर खुशियों को ,
ग्रहण लगाने का तू ही एक बदनुमा दाग है ।
मैं बहुत देर तक उसके इन शब्दों को ……
सीने में शूल की भाँति चुभाती रही ,
अपने इन नैनों से हज़ारों आँसुओं की माला को ,
मन ही मन कहीं अपने भीतर पहनाती रही ।
मैं फिर से रोने लगी ये सोच …….
कि कितना कठिन होता है निभाना …….ऐसी शादी के रिश्ते का बोझ ,
जिसमे उम्र भर पत्नी अपने पति का अनुसरण करे ,
और अंत में उसी की गालियों को बसर कर ….. अपनी अंतिम साँसें भरे ।
कब ख़तम होगा इस “घरेलू हिंसा” का देह व्यापार ?
जिसमे जीत हमेशा पुरुषार्थ की हो ……और स्त्री पर लगे व्याभिचार ,
कब तक वो यूँही मुझपर इस तरह से लात-घूँसे बरसाकर ,
ये साबित करता रहेगा कि भूल की मैंने उसका साथ पाकर ।
आज उसने मुझे फिर मारा …..
कसूर सिर्फ इतना था कि मैंने उसकी बात का समर्थन नहीं किया ,
आज उसने मुझे फिर मारा …..
कसूर सिर्फ इतना था कि मैंने अपने मन में दबी आवाज़ को उसके आगे थोड़ा बुलंद किया ।
मगर मैं जानती हूँ कि …..हर बार की भाँति इस बार भी मैं फिर से यूँही घुट कर रह जाऊँगी ,
हर बार की भाँति इस बार भी मैं …….इस शादी के सात वचनों को गले लगाऊँगी ,
क्योंकि अब ये मेरी नियति ……और उसके पुरुषार्थ का विषैला खेल है ,
जिसमे हिन्दुस्तानी सभ्यता की ……एक ज्वलंत ज़हरीली “घरेलू हिंसा” की अमर बेल है ॥