Hindi, asked by Gfriend, 2 months ago

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Answered by QianNiu
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(क) ज्यादा बोलने के कारण दूसरों को अनसुना करने की आदत विकसित होती है।

(ख) अधिक बोलने वाले अभिभावकों के बच्चों में भला-बुरा तय करने का ज्ञान कम विकसित होता है क्योंकि वे विरोधाभासी बातें सुनकर भ्रम में पड़ जाते हैं।

(ग) अधिक बोलना इस बात का सूचक है कि बोलने वाला अहंकारी है। वह अधिक बोलकर दूसरे पर हावी होना चाहता है। इसलिए वह दूसरे को महत्त्व नहीं देता।

(घ) रूजवेल्ट की लोकप्रियता का एक कारण यह था कि वह अपने माली तक की बातों को बड़े ध्यान से सुनता था।

(ङ) जो लोग अधिक बोलते हैं वे दूसरे को महत्त्व नहीं देते। इसलिए वे उन्हें सुनते ही नहीं। यह सच है कि दूसरों को अनसुना करना अपने अहंकार का सूचक है।

(च) दूसरों को ध्यान से सुनना अच्छी आदत है। अधिक बोलने वाले दूसरों पर हावी होने के लिए ज्यादा बोलते हैं। इससे दुश्मन अधिक बनते हैं और मित्र कम।

 \huge \bold{@QianNiu}

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