hemophilia disease Kya h and its laxan Kya h?
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ये हैं हीमोफीलिया ए के लक्षण
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हीमोफीलिया क्या है
हीमोफीलिया बीमारी दो तरह की होती है हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी। यह एक अनुवाशिंक बीमारी होती है। इस बीमारी में शरीर में रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण, चोट लगने पर रक्त जम नहीं पाता और वह असामान्य रूप से बहता रहता है। इस बीमारी पर तब तक लोगों का ध्यान नहीं जाता, जब तक कि उन्हें किसी कारण से गंभीर चोट न लगे और उनमें रक्त का बहना न रुकें।
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हीमोफीलिया ए क्या है
हीमोफिलिया A से पीड़ित लोगों के रक्त में प्लाज्मा प्रोटीन, फैक्टर VIII बहुत कम मात्रा में होता है।यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर का, 5% से 40% ही है, तो इसे माइल्ड हीमोफिलिया कहते हैं। यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर का 1 % से 5 % ही है, तो इसे मॉडरेट हीमोफिलिया कहते हैं। यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर से 1 % से भी कम है, तो इसे सीवियर हीमोफिलिया कहते है। यदि रोगी के शरीर में इसकी बहुत ज्यादा कमी हो जाये तो लक्षण और गंभीर हो जाते हैं। शिशुओं और छोटे बच्चों में हीमोफिलिया A की पहचान हो जाती है।
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कैसे होती है ये बीमारी
यह बिमारी बच्चों को अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है। जब दोषपूर्ण जीन, बच्चों के अंदर आता है तो बच्चा, इस बीमारी का शिकार हो जाता है। लेकिन कभी-कभी शिशु के जन्म से पहले यदि जीन में कोई बदलाव आ जाये तो भी वह बच्चा इस का शिकार हो जाता है। इस प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है। ऐसा बहुत दुर्लभ मामलों में ही होता है। इस प्रकार के हीमोफिलिया को अक्वायर्ड हीमोफिलिया कहते हैं। यदि गर्भवती महिला कैंसर की शिकार हो या उसने कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन किया हो तो उससे पैदा होने वाले शिशु को इस प्रकार का हीमोफिलिया हो सकता है।
Image Source-Getty
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हीमोफीलिया ए के लक्षण
यदि कोई व्यक्ति हीमोफिलिया A का शिकार है तो उसके मांसपेशियों और जोड़ों में रक्तस्राव हो सकता है और साथ ही कोई हरकत करने पर दर्द भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी सूजन और सूजन वाली जगह को छूने पर गर्माहट का भी एहसास हो सकता है। हीमोफिलिया A से पीड़ित रोगी के दिमाग में भी रक्तस्त्राव है। बिना किसी कारण के, नाक से खून निकलना, मूत्र या मल में खून आना, शरीर में चोट के बड़े निशान का बनना आदि हीमोफीलिया ए के लक्षण होते है।
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बचाव के तरीके
चोट लगने की स्थिति में खून जमाने और घाव भरने के लिए मुंह से खाने वाली दवाएं और चोट वाली जगह पर लगाने की दवाएं आदि भी दी जाती हैं। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए नियमित व्यायाम करें। यह आपकी सामान्य तंदुरूस्ती के लिए भी जरूरी है और आपके जोड़ों को भी स्वस्थ रखने और उनमें इंटर्नल ब्लीडिंग से बचाव में लाभदायक होगा।अगर आपका बच्चा बाहर खेल रहा है या साइकल चलाना सीख रहा है अथवा चला रहा है तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। खेलते समय हेलमेट, एल्बो और नी पैड्स एवं प्रोटेक्टिव जूते पहनाकर रखें।
ये हैं हीमोफीलिया ए के लक्षण
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हीमोफीलिया क्या है
हीमोफीलिया बीमारी दो तरह की होती है हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी। यह एक अनुवाशिंक बीमारी होती है। इस बीमारी में शरीर में रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण, चोट लगने पर रक्त जम नहीं पाता और वह असामान्य रूप से बहता रहता है। इस बीमारी पर तब तक लोगों का ध्यान नहीं जाता, जब तक कि उन्हें किसी कारण से गंभीर चोट न लगे और उनमें रक्त का बहना न रुकें।
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हीमोफीलिया ए क्या है
हीमोफिलिया A से पीड़ित लोगों के रक्त में प्लाज्मा प्रोटीन, फैक्टर VIII बहुत कम मात्रा में होता है।यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर का, 5% से 40% ही है, तो इसे माइल्ड हीमोफिलिया कहते हैं। यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर का 1 % से 5 % ही है, तो इसे मॉडरेट हीमोफिलिया कहते हैं। यदि फैक्टर VIII, सामान्य स्तर से 1 % से भी कम है, तो इसे सीवियर हीमोफिलिया कहते है। यदि रोगी के शरीर में इसकी बहुत ज्यादा कमी हो जाये तो लक्षण और गंभीर हो जाते हैं। शिशुओं और छोटे बच्चों में हीमोफिलिया A की पहचान हो जाती है।
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कैसे होती है ये बीमारी
यह बिमारी बच्चों को अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है। जब दोषपूर्ण जीन, बच्चों के अंदर आता है तो बच्चा, इस बीमारी का शिकार हो जाता है। लेकिन कभी-कभी शिशु के जन्म से पहले यदि जीन में कोई बदलाव आ जाये तो भी वह बच्चा इस का शिकार हो जाता है। इस प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है। ऐसा बहुत दुर्लभ मामलों में ही होता है। इस प्रकार के हीमोफिलिया को अक्वायर्ड हीमोफिलिया कहते हैं। यदि गर्भवती महिला कैंसर की शिकार हो या उसने कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन किया हो तो उससे पैदा होने वाले शिशु को इस प्रकार का हीमोफिलिया हो सकता है।
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हीमोफीलिया ए के लक्षण
यदि कोई व्यक्ति हीमोफिलिया A का शिकार है तो उसके मांसपेशियों और जोड़ों में रक्तस्राव हो सकता है और साथ ही कोई हरकत करने पर दर्द भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी सूजन और सूजन वाली जगह को छूने पर गर्माहट का भी एहसास हो सकता है। हीमोफिलिया A से पीड़ित रोगी के दिमाग में भी रक्तस्त्राव है। बिना किसी कारण के, नाक से खून निकलना, मूत्र या मल में खून आना, शरीर में चोट के बड़े निशान का बनना आदि हीमोफीलिया ए के लक्षण होते है।
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बचाव के तरीके
चोट लगने की स्थिति में खून जमाने और घाव भरने के लिए मुंह से खाने वाली दवाएं और चोट वाली जगह पर लगाने की दवाएं आदि भी दी जाती हैं। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए नियमित व्यायाम करें। यह आपकी सामान्य तंदुरूस्ती के लिए भी जरूरी है और आपके जोड़ों को भी स्वस्थ रखने और उनमें इंटर्नल ब्लीडिंग से बचाव में लाभदायक होगा।अगर आपका बच्चा बाहर खेल रहा है या साइकल चलाना सीख रहा है अथवा चला रहा है तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। खेलते समय हेलमेट, एल्बो और नी पैड्स एवं प्रोटेक्टिव जूते पहनाकर रखें।
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