Hindi, asked by sangeetamittal2, 11 months ago

HEY EVERYONE ❤️❤️^_^
ESSAY ON
'' PULWAMA ATTACK ''

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Answered by Anonymous
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जम्मू-कश्मीर में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया है। गुरुवार को पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी से सीआरपीएफ की बस को टक्कर मार दी, जिसमें 40 से भी अधिक जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। सीआरपीएफ के 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। हमले से जाहिर है कि आतंकियों ने काफी सोच-समझकर लंबी तैयारी के बाद अपनी इस करतूत को अंजाम दिया है। सुरक्षा बलों के काफिले जम्मू-कश्मीर में आते-जाते रहते हैं, लेकिन इस तरह का हमला पहली बार ही हुआ है।

इससे एक बात तो साफ है कि आतंकियों को मूवमेंट की जानकारी पहले से थी। वैसे जब सुरक्षा बलों का काफिला निकलता है तो आम गाड़ियों को रोक दिया जाता है और उन पर नजर रखी जाती है। इस मामले में सेना और सीआरपीएफ के तौर-तरीके अलग जरूर हैं, पर पुलवामा में कुछ चूक भी हुई है। सवाल उठता है कि इतना ज्यादा विस्फोटक आत्मघाती हमलावर के हाथ कैसे लगा? निश्चित रूप से यह सीमापार से आया है, और इस स्तर पर निगरानी में कोई बड़ी चूक हुई है। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने सात दिन पहले ही ऐसे हमले की आशंका व्यक्त की थी। क्या इस चेतावनी को पर्याप्त गंभीरता से लिया गया?

आतंकवाद को रोकने के लिए सबसे पहले एक फुलप्रूफ सुरक्षा-तंत्र की जरूरत है। इस घटना पर देश भर में गु्स्सा है, जो स्वाभाविक है लेकिन यह वक्त संयम रखने का है। किसी को भी ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जिससे देश का माहौल बिगड़े। आतंकवाद से पूरे राष्ट्र को मिल कर लड़ना है और साजिश रचने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा भी देनी है। लेकिन यह काम दिल ठंडा रखकर ही हो पाएगा। इसके लिए हमें कई मोर्चों पर पहल करनी होगी।

सबसे पहले उन सबसे संवाद बनाना होगा, जो इस लड़ाई में हमारे सहयोगी हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर समेत अन्य आतंकियों की सूची को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वैश्विक सूची में शामिल करने का आग्रह किया है और विश्व बिरादरी से अपील की है कि वह पाकिस्तान की धरती से संचालित आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के भारतीय प्रस्ताव का समर्थन करे। चीन ने पुलवामा हमले की निंदा तो की है, पर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने की भारत की अपील का समर्थन करने से मना कर दिया है। हमें इस कोशिश को आगे भी जारी रखना होगा। ध्यान देने की बात है कि इस हमले को स्थानीय फिदायीन ने अंजाम दिया है। यह बात हमारे खिलाफ जाती है। कश्मीरी युवा यह रास्ता न पकड़ें, इसके लिए हमें वहां की आम जनता से दिल्ली की दूरी मिटानी होगी। हमारे हमले तभी कारगर होंगे, जब हमारा कवच पुख्ता होगा

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