Hindi, asked by vaishnavi2750, 9 months ago

hey Friends
please help me

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आज के शिक्षण पद्धति का तो यह ढंग है अमुक वर्ष के आखिरी दिन तक मनुष्य, जीवन के विषय में पूर्ण रुप से गैर जिम्मेदार है तो भी कोई हर्ज नहीं। यही नहीं , उसे घर से मेरा रहना चाहिए और आगामी वर्ष का पहला दिन निकले उठा लेने को तैयार हो जाना चाहिए । संपूर्ण गैर-जिम्मेदारी से संपूर्ण जिम्मेदारी में कूदना तो एक हनुमान - कूद ही हुई ।​

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Answered by namratarathi990
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This is the way of today's education system, till the last day of a year, man is completely irresponsible about life even if there is no harm.Not only this, he should stay at home from me and should be ready to pick up the first day of the coming year.Jumping from total irresponsibility to total responsibility is a Hanuman-jump only.

आजच्या शिक्षण पद्धतीचा हा मार्ग आहे, वर्षाच्या शेवटच्या दिवसापर्यंत मनुष्य कोणतीही हानी नसली तरी जीवनाबद्दल पूर्णपणे बेजबाबदार असतो.इतकेच नव्हे तर त्याने माझ्यापासून घरीच रहावे आणि येत्या वर्षाचा पहिला दिवस उचलण्याची तयारी दर्शविली पाहिजे. संपूर्ण बेजबाबदारपणापासून संपूर्ण जबाबदारीकडे उडी मारणे तर हनुमान-उडी होते.

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